रियो डी जनेरियो, 14 सितम्बर | भारतीय एथलीट देवेंद्र झाजरिया ने बेहतरीन प्रदर्शन करते अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोड़कर यहां जारी रियो पैरालम्पिक में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने इससे पहले 2004 एथेंस पैरालम्पिक में 62.15 मीटर का रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण पदक जीता था।
देवेंद्र ने मंगलवार को हुई स्पर्धा में अपने ही रिकॉर्ड में सुधार करते हुए 63.97 मीटर का प्रयास कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। 36 वर्षीय एथलीट विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर हैं।
इस स्पर्धा में देवेंद्र के साथ भारतीय एथलीट रिंकु हुड्डा और सुंदर सिंह गुरजार ने भी हिस्सा लिया था। रिंकु को इसमें 54.39 मीटर पर पांचवा स्थान प्राप्त हुआ। वहीं, सुंदर इस स्पर्धा की शुरुआत कर पाने में असफल रहे।
भारत के पास अब पैरालम्पिक पदक तालिका में कुल चार पदक हैं। इसमें दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक शामिल है।
राजस्थान के जन्मे देवेंद्र को 2004 अर्जुन पुरस्कार और 2012 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। वह इस पुरस्कार को हासिल करने वाले पहले पैरालम्पिक एथलीट बने।
आठ वर्ष की आयु में पेड़ में चढ़ने के दौरान देवेंद्र पर बिजली गिर गई थी, जिसके कारण उनके बायां हाथ कट गया लेकिन इस कमी को उन्होंने अपना हथियार बनाया और अपने सपनों को पूरा किया।
देवेंद्र ने लियोन में 2013 में हुए अंतर्राष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति (आईपीसी) के एथलेटिक्स विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने पिछली बार 12 साल पहले पैरालम्पिक खेलों में एफ-46 स्पर्धा में हिस्सा लिया था, जबकि 2008 और 2012 पैरालम्पिक खेलों में हिस्सा नहीं ले पाए थे।
–आईएएनएस
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