Kumbh Mela

भारत में भीड़ से होने वाली आपदाओं का जोखिम बहुत अधिक

तिरुवनन्तपुरम, 11 जुलाई (जनसमा)। भारत में भीड़ से होने वाली आपदाओं का जोखिम बहुत अधिक रहता है इसे देखते हुए सभी संबद्ध पक्षों के बीच भीड़ से होने वाली आपदाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्‍यकता है।

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और केरल स्‍टेट डिजास्‍टर मेनेजमेंट प्राधिकरण के संयुक्‍त तत्‍वावधान में ‘भीड़ प्रबंधन’ के बारे में दो दिन का राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन मंगलवार को तिरुवनन्तपुरम, केरल में प्रारम्‍भ हुआ।

इस सम्‍मेलन का उद्देश्‍य सभी संबद्ध पक्षों की क्षमता बढ़ाना है ताकि वे भीड़ संबंधी कार्यक्रमों का सुरक्षित आयोजन कर सकें।

फाइल फोटो अर्द्ध कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की भीड़

केरल सरकार के राजस्‍व और आपदा प्रबंधन मंत्री ई. चन्‍द्रशेखरन ने सम्‍मेलन का उद्घाटन किया। उन्‍होंने कहा कि भीड़ से होने वाले जोखिमों को समझने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि विभिन्‍न एजेंसियों के बीच आयोजना और समन्‍वय के लिए विशेष दिशा-निर्देश विकसित किए जाने चाहिए।

इस अवसर पर राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्‍य आर. के. जैन ने कहा कि भीड़ से होने वाली आपदाएं मानव निर्मित संकट हैं जिन्‍हें समग्र आयोजना और सक्षम क्रियान्‍वयन के जरिए रोका जा सकता है। उन्‍होंने सभी संबद्ध पक्षों की क्षमता बढ़ाने और आपदाओं से बचाव की तैयारी में सुधार लाने की आवश्‍यकता पर बल दिया।

सम्‍मेलन के दौरान दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए हैं इनमें जोखिम को समझने और आपदाओं से सबक लेने तथा आपदा प्रबंधन की श्रेष्‍ठ पद्धतियों के बारे में अनुभव साझा करने पर बल दिया जा रहा है। ये सत्र एनडीएमए के सदस्‍य कमल किशोर और लेफ्टिनेंट जरनल (अवकाश प्राप्‍त) एन. सी. मारवाह की अध्‍यक्षता में आयोजित किए गए हैं।