भोपाल, 18 अगस्त (जस)। मध्यप्रदेश के किसानों की आय आगामी पांच वर्षों में दो गुनी करने के लिये कृषि, उद्यानिकी, डेयरी, मत्स्य पालन आदि क्षेत्रों का रोड मैप तैयार कर उसे लागू किया जायेगा। भोपाल और होशंगाबाद संभाग के जिलों का जो जिलेवार रोडमैप तैयार किया गया है, जिलों में उस पर अभी से कार्य आरंभ कर दिया जाय। इस आशय के निर्देश कृषि उत्पादन आयुक्त पी.सी.मीणा ने मंगलवार को भोपाल और होशंगाबाद संभाग के कृषि उत्पादन कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में दिये। बैठक में खरीफ की समीक्षा के साथ साथ रबी फसलों की तैयारी, खाद-बीज की उपलब्धता पर चर्चा की गई।
मीणा ने कहा कि केवल कृषि उत्पादन बढ़ाने से किसान की आय दो गुनी नहीं होगी बल्कि साथ पशु पालन, उद्यानिकी, वानिकी सहित आय देने वाली अन्य गतिविधियों को भी बढ़ावा देना होगा। किसान को हर स्त्रोत से होने वाली आय को एक साथ जोड़े जाने पर ही उसे होने वाली वास्तविक आय का आकलन हो सकेगा। इसके लिये किये जा सके समन्वित प्रयासों का नेतृत्व सभी कलेक्टर को स्वयं करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ अऋणी किसानों को भी दिलवाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने किसानों के बीच फसल बीमा के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया।
प्रमुख सचिव कृषि राजेश राजौरा ने संभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को संबोधित करते हुये कहा कि किसानों को कृषि की नवीनतम तकनीक अपनाने के लिये प्रेरित किया जाये। कृषि उत्पादन बढ़ाने में मिट्टी परीक्षण करवाकर किसानों को उसकी जानकारी देना बहुत जरूरी है। राज्य शासन द्वारा अब मिट्टी परीक्षण हेतु मिनी लैब विकासखंड स्तर पर लगाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने किसानों की आयु दुगना करने के लिये फसलों का विविधीकरण, फसल प्रजाति के प्रति स्थापन, मिश्रित खेती और उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने के संबंध में किसानों को जागरूक करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कम लागत की खेती तकनीक को बढ़ाया जाय।
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