जयपुर, 17 जून। राजस्थान को रोड़ सेक्टर पॉलिसी के अनुसार अगले दस साल में प्रदेश के सड़क तंत्र में सुधार के लिए आज की कीमतों के अनुसार करीब साठ हजार करोड़़ रुपए की आवश्यकता होगी।
रोड़ सेक्टर पॉलिसी में विभिन्न हितधारकों से जुडे़ विविध पक्षों तथा सड़क क्षेत्र में निवेश और वित्तीय व्यवस्था से जुडे़े मुद्दों विचार-विमर्श करने के लिए शुक्रवार को होटल हिल्टन में एक कार्यशाला हुई।
कार्यशाला का आयोजन विश्वबैंक वित्त पोषित परियोजना ‘राजस्थान रोड़़ सेक्टर मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम (आरआरएसएमपी)’ के अन्तर्गत सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से कन्सल्टेंट ‘इकोरर्यस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा किया गया था। इस कन्सल्टेंट फर्म को राज्य की रोड़ सेक्टर पॉलिसी के निर्माण का जिम्मा सौंपा गया है।
कार्यशाला में सलाहकार फर्म ने रोड़ सेक्टर विजन स्टेटमेंन्ट प्रस्तुत किया एवं रोड़ सेक्टर पॉलिसी के लक्ष्यों और उन्हें प्राप्त करने की स्टे्रटेजी पर प्रस्तुतीकरण दिया। कन्सलटेंट ने वित्तीय एवं भौतिक आवश्कताओं के साथ ही वित्तीय विकल्पों के बारे में भी विश्लेषणात्मक प्रस्तुतीकरण दिया।
कार्यशाला का विषय ‘रोड़ सेक्टर पॉलिसी, स्टे्रटजी, फिनेन्सिंग फ्रेमवर्क एण्ड इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम’ था। इसमें रोड़ सेक्टर के सभी प्रमुख हितधारकों ने हिस्सा लिया जिनमें सानिवि समेत विभिन्न हितधारक विभागों, परिवहन, प्लानिंग, खान विभाग, कृषि, वन, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग आदि के प्रतिनिधि शामिल हुए।
कार्यशाला में रोड़ सेक्टर के लिए ऋण प्रदाता वित्तीय संस्थानों जैसे हुडको, नाबार्ड आदि के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों ने पॉलिसी एवं उनसे सम्बन्धित पक्षों पर सुझाव एवं फीडबैक दिए।
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