श्री नैना देवी एवं श्री आनंदपुर साहब के बीच 210 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनाये जाने वाले रोपवे प्रोजेक्ट का निर्माण अक्टूबर, 2021 तक पूरा हो जाने की संभावना है।
इस बात की जानकारी इसी सप्ताह बुधवार को चंडीगढ़ में हुई बैठक में दी गई जिसमें दोनों राज्यों के अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में कहा गया कि आगामी ढाई वर्ष के भीतर रोपवे प्रोजेक्ट के निर्माण को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
श्री नैना देवी व श्री आनंदपुर साहब के बीच रोपवे प्रोजेक्ट के निर्माण के बारे में विगत 28 सितंबर को एक समझौता ज्ञापन पर हसताक्षर किये गए थे।
हिमाचल प्रदेश व पंजाब दोनों राज्यों के संयुक्त उपक्रम के रूप में गठित ‘श्री नैना देवी जी और श्री आनंदपुर साहिब जी रोपवे कंपनी प्राइवेट लिमिटेड’ के निदेशक मंडल की पहली बैठक बुधवार को चंडीगढ़ के पंजाब भवन में आयोजित की गई जिसमें दोनों राज्यों के आला अधिकारियों ने भाग लिया।
हिमाचल प्रदेश की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव ;पर्यटन राम सुभग सिंह, निदेशक पर्यटन अमित कश्यप व अतिरिक्त निदेशक मनोज शर्मा और पंजाब सरकार की तरफ से अतिरिक्त मुख्य सचिव बिन्नी महाजन, प्रधान सचिव ;पर्यटन विकास प्रताप, प्रधान
सचिव वित्त अनिरूद्ध तिवारी, निदेशक पर्यटन मलविंदर सिंह जग्गी और आईआरएसई के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनूप के अग्रवाल ने बैठक में भाग लिया।
210 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाले इस रोपवे प्रोजेक्ट के लिए गठित की गई संयुक्त उपक्रम कंपनी के निदेशक मंडल में 5 निदेशक हिमाचल प्रदेश सरकार और पांच निदेशक पंजाब सरकार द्वारा मनोनीत किए गए हैं।
शुरुआती पूंजीगत निवेश में 50.50 लाख रुपये की राशि दोनों राज्यों द्वारा जमा करवाई जा रही है।
इस रोपवे प्रोजेक्ट के निर्माण से प्रमुख शक्तिपीठ श्रीनैना देवी जी तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को चढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी और पंजाब के श्रद्धालु आराम से धार्मिक स्थल पर पहुंच कर वहां अपने श्रद्धा के फूल चढ़ा सकेंगे।
यह प्रोजेक्ट दो राज्यों व दो धर्मों के बीच आपसी भाईचारे व सद्भावना की डोर को और मजबूत करेगा। जिस तरह 52 शक्तिपीठों में से एक श्री नैना देवी हिमाचल प्रदेश व ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, उसी तरह श्री आनंदपुर साहब भी एक धार्मिक स्थल होने के साथ.साथ पूरे विश्व के लिए आस्था का केंद्र है।
इस महत्वाकांक्षी रोपवे प्रोजेक्ट को हकीकत में बदलने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ा और कई अड़चनें भी राह में आई।
वर्ष 2012 .13 में भी इस रोपवे के निर्माण का प्रयास किया गया था और इसके लिए 14 एकड़ जमीन भी अधिकृत की गई थी लेकिन किन्हीं परिस्थितियों में इसका निर्माण नहीं हो पाया।
पिछले साल 28 सितंबर को चंडीगढ़ में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए और यह तय हुआ कि दोनों राज्य मिलकर इसके निर्माण को आगे बढ़ाएंगे और यह रोपवे दोनों राज्यों का संयुक्त उपक्रम होगा।
रोपवे प्रोजेक्ट का लोअर टर्मिनल पंजाब में श्रीआनंदपुर साहब के निकट रामपुर में, इंटरमीडिएट स्टेशन हिमाचल के टोबा में और अपर टर्मिनल प्वाइंट श्रीनैना देवी में होगा ।
गौरतलब है कि श्री नैना देवी मंदिर में शीश नवाने अस्सी प्रतिशत श्रद्धालु पंजाब से आते हैं और पिछले साल करीब 25 लाख श्रद्धालुओं ने इस शक्तिपीठ में शीश नवाया था।
इस रोपवे के निर्माण से और अधिक श्रद्धालु श्री नैना देवी मंदिर पहुंच पाएंगे।
इस महत्वाकांक्षी रोपवे प्रोजेक्ट को हकीकत में बदलने के लिए दोनों राज्यों के पर्यटन विभाग इसकी नोडल एजेंसी के रूप में काम कर रहे हैं और आगामी अढ़ाई वर्ष के भीतर इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस रोपवे के निर्माण के लिए मैसर्ज इंडियन पोर्ट रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (आईपीआरसीएल) द्वारा फ्री फिजिबिलिटी स्टडी की गई थी और 23 अप्रैल,2019 को इसके निदेशक मंडल की बैठक में इस बारे कंपनी के अधिकारियों द्वारा अपनी प्रस्तुति भी दी गई।
बैठक में जानकारी दी गई कि 3 वर्ष पहले गठित यह कंपनी इस समय देश में 12 ऐसे रोपवे बना रही है जिनमें 8 किलोमीटर लंबा एलीफेंटा मुंबई रोपवे भी शामिल है।
Follow @JansamacharNews