पटना, 01 मार्च (जनसमा)। केंद्र सरकार ने पटना में गंगा को स्वच्छ रखने के प्रयास के तहत शहर में सक्षम सीवेज ट्रीटमेंट ढांचा तैयार करने के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 1050 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी का बड़ा फैसला लिया है। यह राशि दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने, मौजूदा एसटीपी के नवीनीकरण, दो पंपिंग स्टेशनों के निर्माण और लगभग 400 किलोमीटर तक का नया भूमिगत सीवेज नेटवर्क बिछाने पर खर्च की जाएगी।
इन परियोजनाओं का उद्देश्य न सिर्फ पटना की मौजूदा सीवेज व्यवस्था को सुधारना है, बल्कि अगले एक दशक तक शहर में बढ़ती आबादी की संभावना को ध्यान में रखकर सीवेज ट्रीटमेंट का लक्ष्य भी शामिल है। विश्व बैंक के एक सर्वेक्षण के अनुसार पटना ढांचागत विकास के मामले में दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ते शहरों में से एक है। इन परियोजनाओं के समयबद्ध परिचालन के बाद इन क्षेत्रों से गंगा नदी में किसी भी प्रकार असंशोधित जल नहीं बहाया जाएगा और इससे गंगा के पवित्रजल को प्रदूषित होने से बचाने में मदद मिलेगी। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) निर्माण-कार्य की प्रगति की निगरानी करेगा।
100 वर्ग किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र में फैले पटना शहर को छह सीवरेज क्षेत्रों – दीघा, बेऊर, सैदपुर, कंकड़बाग, पहाड़ी और करमाली चक में बांटा गया है। करमाली चक क्षेत्र में सीवेज संबंधित परियोजनाओं के लिए जल्दी ही अनुबंध किए जाने की उम्मीद है।
Follow @JansamacharNews