नई दिल्ली, 1 फरवरी | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने बुधवार को आम बजट पर नाखुशी जाहिर की है और कहा है कि बजट में कामगारों, वेतनभोगियों और गरीबों की अनदेखी की गई है। बीएमएस ने आम बजट 2017-18 की फिर से समीक्षा करने की मांग भी की है।
बीएमएस के महासचिव वृजेश उपाध्याय ने कहा, “असंगठित क्षेत्र, सरकारी योजनाओं के तहत काम करने वाले मजदूरों और अन्य क्षेत्रों के श्रमिकों से जुड़े मुद्दों–उनके पारिश्रमिक में वृद्धि तथा उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना–को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है।”
बीएमएस ने अपने संबद्ध संगठनों से बजट के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने का निर्देश भी दिया है और बजट प्रस्तावों पर फिर से विचार करने की मांग की है।
इसके अलावा उन्होंने नोटबंदी का समर्थन करने वाले आम नागरिकों के लिए मुआवजे की भी मांग की।
उपाध्याय ने कहा कि वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा घोषित लक्ष्यों की पूर्ति में बजट असफल प्रतीत हो रहा है।
उन्होंने कहा, “नोटबंदी से बड़ी मात्रा में राजस्व इकट्ठा हुआ है, लेकिन इसे सामाजिक खर्चो में इस्तेमाल नहीं किया गया। नोटबंदी के कारण बड़ी संख्या में श्रमिकों को शहर छोड़कर वापस गांव जाना पड़ा, लेकिन इस मुद्दे पर बजट में कोई बात नहीं आई।” –आईएएनएस
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