लखनऊ, 20 मई (जनसमा)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “राज्य में नई सरकार बने हुए अभी दो माह ही हुए हैं, परन्तु जो लोग 5-10 साल शासन कर चुके हैं, वे दो महीने में ही सरकार का लेखा-जोखा मांग रहे हैं।”
शुक्रवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के सम्बन्ध में धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए योगी ने कहा, “स्वस्थ लोकतंत्र वही होता है जहां पर सहमति और असहमति के बीच समन्वय स्थापित हो सके। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हम अपनी बात किसी पर थोप नहीं सकते। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण सरकार का विजन डॉक्यूमेण्ट होता है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभिभाषण के दौरान प्रतिपक्ष का आचरण मर्यादा के अनुरूप होना चाहिए, परन्तु विपक्ष ने बजाए धैर्य के साथ अभिभाषण सुनने के, सदन की कार्यवाही को बाधित करने का रास्ता चुना।
योगी ने कानून व्यवस्था के विषय में कहा कि प्रदेश में अपराध के लिए कोई जगह नहीं होगी और न ही उनके संरक्षणदाता चैन से रह पाएंगे। राज्य सरकार अपराध और अपराधियों से सख्ती से निपटेगी। उन्होंने कहा कि सर्वांगीण विकास और सुशासन भयरहित समाज में ही सम्भव है। वर्तमान सरकार का दो महीने का कार्यकाल पिछली सरकारों के 15 वर्षों के कार्यकाल पर भारी पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश में गंगा, यमुना, सरयू, राप्ती जैसी नदियां मौजूद हों और जहां की जमीन इतनी उपजाऊ हो, वहां का किसान आत्महत्या करे, तो इसका सीधा सम्बन्ध गलत नीतियों से है। पिछले 10-15 साल में हुई किसान की बदहाल स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही राज्य सरकार द्वारा उनके फसली ऋणों को माफ किया गया है, जिससे 86 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं। उनके एक लाख रुपए तक की सीमा के फसली ऋण माफ किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस ऋण माफी का बोझ जनता पर नहीं डालेगी, बल्कि अपने खर्चों में कटौती करके इसकी भरपाई करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए राज्य सरकार लगातार निर्णय ले रही है।
योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक माना जाता है। परन्तु विगत सरकारों के कार्यकालों के दौरान चीनी मिलें औने-पौने दामों पर बेच दी गईं। यह चीनी मिलें प्रदेश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार थीं। विगत सरकारों ने बेरहमी से गन्ना किसानों के हितों की अनदेखी की। वर्तमान सरकार ने गन्ना किसानों को 21 हजार 570 करोड़ रुपए का भुगतान कराया है। प्रयास इस बात का है कि बकाया 3 हजार करोड़ रुपए की राशि का भुगतान भी 15 जून, 2017 तक हो जाए।
योगी जी ने कहा कि विगत 15 वर्षों में प्रदेश में एक प्रकार का वीआईपी कल्चर स्थापित हो गया था, जिसके तहत 5 जिलों में भरपूर बिजली मिलती थी, जबकि बाकी 70 जिले अंधेरे में रहते थे। वर्तमान राज्य सरकार ने इस वीआईपी कल्चर को खत्म कर दिया है। यद्यपि राज्य सरकार को विरासत में जर्जर विद्युत व्यवस्था मिली है, फिर भी हमने सभी जिला मुख्यालयों पर 24 घण्टे, तहसील मुख्यालयों में 20 घण्टे और ग्रामीण क्षेत्रों में 17-18 घण्टे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की है। इसके अलावा, प्रदेश से लाल और नीली बत्ती का वीआईपी कल्चर भी समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बिना भेदभाव के समाज के सभी लोगों के विकास के लिए कटिबद्ध है।
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