संगीत सम्राट तानसेन समारोह 25 से 29 दिसम्बर तक उनकी जन्मस्थली ग्वालियर मे आयोजित किया जा रहा है।
इस साल 94वें तानसेन समारोह में देश-दुनिया के सुप्रतिष्ठित गायकों, वादकों की भागीदारी रहेगी।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित राष्ट्रीय तानसेन तथा राजा मानसिंह तोमर सम्मान भी प्रदान किए जाएँगे ।
इस वर्ष सुविख्यात सितार वादिका श्रीमती मंजू मेहता को राष्ट्रीय तानसेन सम्मान तथा श्री संकट मोचन प्रतिष्ठान वाराणासी तथा नवरंग प्रतिष्ठान नई दिल्ली को राजा मानसिंह तोमर राष्ट्रीय सम्मान से अलंकृत किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय तानसेन सम्मान के तहत दो लाख रुपये तथा मानसिंह तोमर सम्मान के अंतर्गत एक लाख की रुपए की राशि दी जाती है।
फाइल फोटो : 2017 के तानसेन समारोह में प्रस्तुति देते प्रसिद्ध गायक गुंडेचा ब्रदर्स
दोनों सम्मानों के साथ सम्मान पट्टिका,शाल एवं श्रीफल भी भेंट किया जाता है।
तानसेन समारोह की शुरूआत श्रीमती मंजू मेहता के सितार वादन के साथ ही ऋत्विक सान्याल का ध्रुपद गायन तथा रीतेश एवं रजनीश मिश्र के गायन से होगा।
आरम्भ में परम्परानुसार माध्व संगीत महाविद्यालय के कलाकार ध्रुपद गायन प्रस्तुत करेंगे।
समारोह के दूसरे दिन 26 दिसम्बर से प्रतिदिन दो सभाएँ होगी, प्रात: 10 बजे से एवं सायं 7 बजे से।
प्रात:कालीन सभा में शंकर गांधर्व संगीत महाविद्यालय के कलाकारों द्वारा ध्रुपद गायन, यखलेश बघेल द्वारा ध्रुपद गायन, विपुल कुमार राय द्वारा संतूर, निर्भय सक्सेना द्वारा गायन एवं दीपक क्षीरसागर द्वारा मोहनवीणा की प्रस्तुति की जायेगी।
सांयकालीन सभा में राजा मानसिंह तोमर विश्वविद्यालय के कलाकारों द्वारा ध्रुपद गायन, विश्व संगीत श्रेणी में जुगलबन्दी उस्ताद बेहदाद बाबई, आर्देशिर कामकार द्वारा प्रस्तुत की जायेगी।
इसके अलावा वैशाली देशमुख का गायन, फारूख लतीफ खाँ का सारंगी वादन, रूचिंरा केदार का गायन होगा।
सत्ताईस दिसम्बर को प्रात:कालीन सभा में तानसेन संगीत महाविद्यालय के कलाकारों तदुपरान्त कैलाश पवार का ध्रुपद गायन होगा।
संतोष नाहर का वायोलिन वादन, मधुमिता नकदी का गायन और विश्व संगीत में सारंग सैफीजादे, निलोफर गनीजादे, निगाह जोहदी मुताल्पिपुर, नाजनीन गनीजादे की प्रस्तुतियाँ होगी।
सायंकालीन सभा में भारतीय संगीत महाविद्यालय का ध्रुपद गायन, विश्व संगीत में अर्सेन पेट्रोजियान, शॉक गैस्प्रियान, एविटिस केयोसियान, आमीर्निया आदि की सहभागिता, मोवना रामचन्द्र का गायन, कमला शंकर का गिटार वादन एवं राम देशपाण्डे का गायन होगा।
28 दिसम्बर को प्रात: कालीन सभा में सारदा नाथ मन्दिर संगीत महाविद्यालय के कलाकारों द्वारा ध्रुपद गायन प्रस्तुत किया जायेगा।
इसके पश्चात गौतम काले का गायन, सौरवव्रत चक्रवर्ती का सुरबहार वादन, ज्योति फगरे अय्यर का गायन एवं उस्ताद निसार हुसैन और दयानेश्वर देशमुख की तबला-पखावज जुगलबन्दी होगी।
सायंकालीन सभा में ध्रुपद केन्द्र ग्वालियर के कलाकारों का ध्रुपद गायन, विश्व संगीत में निल्गम आक्सॉय, माल्टे स्टिवीक, जॉनेस क्रिस्टेन, बेन्जामिन स्टिवीक का समवेत वादन प्रस्तुत होगा, उसके पश्चात कशिश मित्तल का गायन, उस्ता निशात खाँ का सितार वादन एवं अजय प्रसन्ना का बॉसुरी वादन होगा।
तानसेन समारोह के अंतिम दिन प्रात:कालीन सभा बेहट में आयोजित होगी, जिसमें तानसेन स्मारक केन्द्र बेहट के कलाकारों एवं महारूद्र मण्डल संगीत महाविद्यालय के कलाकारों का ध्रुपद गायन होगा।
इसके बाद सलमान खान का सारंगी वादन, के दामोदर राव का गायन, समित कुमार मलिक का ध्रुपद गायन एवं हितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव का तबला वादन होगा।
सभा के अंत में स्वर श्रृंगार संगीत संस्था के कलाकारों के साथ संध्या तिवारी बापट का वृन्द वादन होगा।
इसी दिन सायंकालीन सभा गूजरी महल में आयोजित होगी जिसमें ध्रुपद केन्द्र भोपाल के कलाकारों का गायन, विश्व संगीत श्रेणी में अना तनवीर की हार्प प्रस्तुति, भारती सिंह राजपूत का गायन, वर्षा अग्रवाल का संतूर वादन एवं शुभ्रा गुहा का गायन होगा।
सभी सभाओं में प्रवेश निशुल्क है।
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