अंबिकापुर, 3 सितंबर | छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में शनिवार को सरगुजा मेडिकल कालेज का शुभारंभ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने किया। इस दौरान नड्डा ने छात्र-छात्राओं से बातचीत भी की। नड्डा ने छात्रों से कहा, “आप सभी कितने भी बड़े डॉक्टर बन जाओ, अपने गांव को कभी मत भूलना। आप जिस स्कूल में पढ़े हो, जिस सरकारी अस्पताल में आपका जन्म हुआ है, उसका कर्ज जरूर चुकाना। शहरी चकाचौंध में अपने गांव को मत भूल जाना, क्योंकि गांव का रिश्ता ही सही और ईमानदार रिश्ता होता है।”
नड्डा ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा अधिकार है, पर मेडिकल की शिक्षा समाज का ऋण है। डॉक्टर बनने के बाद समाज की सेवा को प्राथमिकता में रखें।
उन्होंने कहा, “सरगुजा के कोने-कोने में घूमा हूं, यहां की सबसे बड़ी जरूरत मेडिकल कालेज थी, यह सौगात नहीं विकास और सुविधा का केंद्र है।”
मेडिकल कालेज के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री रमन सिंह से प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं से सवाल भी किए। दुर्ग जिले की छात्रा मोना साहू ने कहा कि एक अच्छा डॉक्टर कैसे बन सकते हैं, आप स्वयं एक डॉक्टर हैं, हमें बताएं। छात्रा के सवाल पर वह मुस्कुराए और उसका जवाब दिया।
जशपुर जिले के छात्र अनिल राम ने एम्स की तरह सरगुजा मेडिकल कालेज में ई लाइब्रेरी की व्यवस्था करने की मांग की।
कांकेर की छात्रा मोनिका नाग और बिलासपुर की छात्रा स्वाति ने कहा कि सरगुजा के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। 50 साल के इतिहास में विकास की सबसे बड़ी घटना है सरगुजा में मेडिकल कालेज का खुलना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय स्वाथ्य मंत्री नड्डा ने नियमों को दरकिनार कर सरगुजा में मेडिकल कालेज की सौगात देने की पहल की, जो सराहनीय है। उन्होंने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर के प्रयास की भी सराहना की।
रमन सिंह ने अंबिकापुर के विधायक व नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव को भी इसका श्रेय दिया और कहा कि हर विधानसभा सत्र में सबसे पहले उन्होंने ही सरगुजा के मेडिकल कालेज की मांग गंभीरता से रखी। –आईएएनएस
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