नई दिल्ली, 05 जून (जनसमा)। सऊदी अरब, यमन, बहरीन, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने सोमवार को कतर के साथ राजनयिक संबंध तोड़ दिए हैं। इन देशों ने कतर पर आतंकवादी समूहों को सहयोग देने और उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए संबंध तोड़े हैं।
फोटो : क़तर का राष्ट्रीय ध्वज।
प्राप्त समाचारों के अनुसार, इन पांचों देशों ने कतर से अपने राजनयिकों को वापस बुलाने के साथ अगले 24 घंटों के भीतर कतर से भूमि, जल और वायु संपर्क भी बंद करने का ऐलान किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सऊदी अरब आतंकवाद और चरमपंथ के खतरों से देश को बचाने के लिए कतर से राजनयिक संबध तोड़ रहा है। वहीं, मिस्र का कहना है कि ‘कतर की नीति से अरब जगत की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है और यह अरब समाज में तनाव और विभेद के बीज बोने का काम कर रही है।’
बहरीन ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि कतर उसके आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है और उसके खिलाफ नकारात्मक प्रचार में शामिल है। यह आतंकवादी गतिविधियों और सशस्त्र बलों को सहयोग देने और ईरान समर्थित समूहों का वित्तपोषण करने के लिए भी जिम्मेदार है, जो देश में हिंसा और विध्वंस के लिए जिम्मेदार हैं। बहरीन ने कतर के राजनयिकों से 48 घंटों के भीतर देश छोड़कर जाने को कहा है।
समाचारों के मुताबिक, यूएई ने भी कतर पर आतंकवाद का वित्तपोषण करने, आतंकवाद और चरमपंथ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
यमन सरकार ने भी ऐलान किया कि वह कतर के साथ सभी संबंधों को समाप्त कर रही है। यमन ने कतर पर उसके ईरान समर्थित हौती दुश्मनों के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया।
कतर के विदेश मंत्रालय ने अरब देशों द्वारा उठाए गए इन कदमों पर खेद जताते हुए इसे अनुचित करार दिया है।
अलजजीरा चैनल ने कतर के विदेश मंत्रालय के बयान के हवाले से बताया, “ये कदम अनुचित हैं और उन आरोपों पर आधारित हैं, जिनका कोई आधार नहीं है। इन फैसलों से देश के नागरिकों के सामान्य जनजीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।”
अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने खाड़ी देशों से एकजुट रहने का आग्रह किया।
अलजजीरा ने टिलरसन के हवाले से बताया, “हम सभी पक्षों से एकजुट होकर बैठ कर चर्चा करने और मतभेदों को दूर करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।”
Follow @JansamacharNews