सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) की पाँच जजों की संविधान पीठ (Constitution Bench) शनिवार को अयोध्या (Ayodhya) में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद (Ram Janmabhoomi-Babri Masjid) भूमि विवाद (Land dispute) पर सुबह 10ः30 बजे अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाएगी।
भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (Chief Justice of India Ranjan Gogoi ) की अगुवाई वाली संविधान पीठ 134 साल पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद (Ram Janmabhoomi-Babri Masjid) भूमि विवाद मामले पर अपना फैसला सुनाएगी।
पीठ में मुख्य न्यायाधीश सहित न्यायमूर्ति एसए बोबडे, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एसए नाजेर है। इसी संविधान पीठ ने 40 दिन की मैराथन सुनवाई काी।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद (Ram Janmabhoomi-Babri Masjid) भूमि विवाद फैसला अयोध्या में विवादित 2.77 एकड़ भूमि के हक को लेकर सुनाया जाएगा।
हिंदु समाज का एक बड़ा वर्ग मानता है कि विवादित स्थल भगवान राम की जन्मभूमि (Ram Janmabhoomi) है।
ऐसा माना जाता है कि बाबरी मस्जिद के दरवाजे के पास बैरागियों ने एक चबूतरा बना रखा था। 1885 में महंत रघुबर दास ने अदालत से मांग की कि चबूतरे पर मंदिर बनाने की इजाजत दी जाए, किन्तु उनकी यह मांग खारिज हो गई थी।
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