नई दिल्ली, 29 अगस्त | भारत के स्कॉर्पीन पनडुब्बी परियोजना के लीक हुए दस्तावेजों को ‘द आस्ट्रेलियन’ अखबार अब प्रकाशित नहीं कर सके, इसके लिए फ्रांस की कंपनी डीसीएनएस ने आस्ट्रेलिया के सर्वोच्च न्यायालय से आदेश हासिल कर लिया है। ‘द आस्ट्रेलियन’ की एक रपट में कहा गया है कि न्यू साउथ वेल्स स्थित सर्वोच्च न्यायालय ने अखबार को दस्तावेजों की किसी भी सामग्री का इस्तेमाल करने या खुलासा करने पर रोक लगा दी है।
इस आदेश के मुताबिक, ‘द आस्ट्रेलियन’ को लीक हुए दस्तावेजों को अपनी वेबसाइट से हटाना भी होगा।
इस रोक की अवधि गुरुवार शाम पांच बजे समाप्त हो जाएगी। हालांकि अदालत ने डीसीएनएस से जुड़ी सामग्री को डीसीएनएस को लौटाने के लिए अखबार से कहा है।
लीक की रपट को ब्रेक करने वाले पत्रकार कैमरन स्टीवर्ट ने आईएएनएस से शुक्रवार को ही कहा था कि अखबार अब और दस्तावेजों को प्रकाशित नहीं करना चाहता।
बाद में सिलसिलेवार ढंग से किए गए ट्वीट में उन्होंने दावा किया था कि हथियार प्रणाली के बारे में भी सूचनाएं हैं और उन्हें सोमवार को प्रकाशित किया जाएगा।
हालांकि अखबार ने और कोई लीक दस्तावेज अपलोड नहीं किया।
डीसीएनएस के शपथ पत्र में कहा गया था कि उसके दस्तावेजों के खुलासे से पनडुब्बी निर्माता को नुकसान पहुंचाया गया है, क्योंकि उसके प्रतिद्वंद्वियों को कंपनी के कुछ तथ्यों की जानकारी हो गई है।
डीसीएनएस के वकील जस्टिन मुनसी की ओर से शपथपत्र में कहा गया है, “इस अत्यंत मूल्यवान दस्तावेज के प्रकाशन से डीसीएनएस और इसके ग्राहकों को नुकसान पहुंच रहा है। संवेदनशील एवं प्रतिबंधित सूचनाओं, तस्वीरों का प्रकाशन साख के सीधे नुकसान का कारण बना है।
शपथ पत्र में आगे कहा गया है कि इस लीक के व्यापक मीडिया कवरेज ने कंपनी की अंतर्राष्ट्रीय छवि और साख को खतरे में डाल दिया है।
स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की डिजाइन तैयार करने वाली डीसीएनएस अभी पनडुब्बी डाटा लीक प्रकरण से दुनिया में चर्चा के केंद्र में है। यह कंपनी ‘द आस्ट्रलियन’ अखबार के खिलाफ आस्ट्रेलिया के सर्वोच्च न्यायालय पहुंची थी। कंपनी चाहती थी कि भारत की स्कॉर्पीन पनडुब्बी परियोजना के लीक हुए 22400 दस्तावेज अब प्रकाशित न हों।
इस बीच डीसीएनएस के मीडिया रिलेशन के प्रमुख इमानुएल गॉडेज ने आईएएनएस से ईमेल के जरिए कहा, “संक्षेप में कहें तो डीसीएनएस द आस्ट्रेलियन की वेबसाइट से उन दस्तावेजों को, जिन्हें प्रकाशित किया गया है, उन्हें अपनी वेबसाइट से हटाने के लिए और अन्य दस्तावेजों का प्रकाशन नहीं करने का निर्देश देने की मांग की थी।”
द आस्ट्रेलियन ने दस्तावेजों में से अत्यंत संवेदनशील ब्योरे प्रकाशन से पहले ही संपादित कर के निकाल दिए थे।
भारतीय नौसेना ने कहा है कि लीक हुए दस्तावेजों से पनडुब्बी के राडार से बच निकलने की क्षमता प्रभावित नहीं होगी। एक अधिकारी ने आईएनएस से कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो भारत इस पनडुब्बी में उचित बदलाव करने में सक्षम है। –आईएएनएस
Follow @JansamacharNews