भोपाल, 30 जुलाई (जनसमा)। संभवतः मध्यप्रदेश पहला ऐसा राज्य हो सकता है जहां असहाय, बेघरबार, अनाथ बच्चों को खोज -खोजकर पढ़ाने-लिखाने का अभियान चलाया जायेगा। उनकी सुरक्षा के इंतजाम किए जायेंगे।
राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यदाकदा ऐसी घोषणाएं करते रहते हैं जिनको सुनकर लोक कल्याणकारी राज्य व्यवस्था का अहसास तो होता है किन्तु उन बातों की जमीनी हकीकत का पता नहीं चलता।
इस तरह की एक घोषणा शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी में किशोर न्याय और क्षमता विकास पर राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए की।
चौहान ने कहा कि ऐसे अपराधी तत्व जो बच्चों को अपराध करने के लिये बहलाते-फुसलाते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। सभी कलेक्टरों को निर्देश दिये जायेंगे कि उनके जिलों में ऐसे बच्चों की पहचान करें और उन्हें गरिमापूर्ण जीवन देने के इंतजाम करें। ऐसे बच्चों की जिम्मेदारी उठाना सरकार का धर्म और कर्त्तव्य है। सरकार अपनी ओर से भरपूर प्रयास कर रही है लेकिन बहुत कुछ करना शेष है।
जनसमाचार की टिप्पणी: सामान्यतः सरकारें इस तरह के समारोंहों में अब तक किए गए कामों का बखान अवश्य करती हैं किन्तु चौहान ने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी अलबत्ता यह जरूर कहा कि सभी कलेक्टरों को निर्देश दिये जायेंगे।
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