जयपुर, 6 जून (जनसमा)। राजस्थान के प्रमुख शासन सचिव सहकारिता अभय कुमार ने कहा है कि प्रदेश के पांच जिलों झालावाड, टोंक, सवाई माधोपुर, करोली एवं अलवर में आईसीडीपी परियोजना का दूसरा चरण प्रारम्भ होगा। उन्होंने कहा कि इन जिलों में सहकारी संस्थाओं से जुडे विकास कार्यों पर 200 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे।
कुमार मंगलवार को राईसेम स्थित सभागार में एनसीडीसी, आईसीडीपी, राईसेम, आईसीएम तथा सहकारिता विभाग से जुडे अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संबंधित जिलों में प्रारम्भ होने जा रही परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डी.पी.आर.) संस्थाओं की स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार करें।
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि डी.पी.आर. बनाते वक्त सहकारिता विभाग एवं परियोजना में काम कर चुके अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सेवाएं भी लें ताकि जो राशि परियोजना में खर्च होनी है उसका बेहतर इस्तेमाल हो सके एवं संस्थाओं के साथ-साथ आम लोगों को भी फायदा मिल सके। उन्होंने निर्देश दिए कि तीन दिन के भीतर अच्छे कार्य करने वाली ग्राम सेवा सहकारीसमितियों की रेकिंग करें, जिससे समितियों का वर्गीकरण कर उनके अनुरूप योजना बनाई जा सके।
कुमार ने कहा कि ऎसी समितियां जो कृषि यंत्रों को संबंधित किसानों को किराए पर दे रही हैं, उनके खर्च एवं आय का आकलन तैयार करें, जिससे अन्य चयनित समितियों के लिए भी इस प्रकार की संभावनाएं तलाश कर कृषकों को लाभ पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि महिला सहकारी समितियों को भी एनसीडीसी सहायता उपलब्ध कराए, ताकि उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाया जा सके।
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