गुजरात में दूसरे दौर का चुनाव प्रचार थम गया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद के साबरमती रिवर फ्रंट से सी प्लेन से अंबाजी मन्दिर की उड़ान भर ली। दूसरी ओर उन्होंने ट्वीट कर कहा कि केन्द्र और गुजरात मिलकर 1 और एक दो नहीं, 11 होंगे। दूसरी दौर का मतदान 93 सीटों के लिए 14 दिसंबर को होगा।
गुजरात चुनाव की सबसे खास बात यह रही कि कांग्रेस की व्यूह रचना ने प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को चुनाव प्रचार में पूरी तरह बांध दिया। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यहां राहुल गांधी का गेम चुनाव जीतने के लिए नहीं, वजूद को बनाए रखने के लिए जरूरी था।
विकास का मुद्दा चुनाव प्रचार के दौरान लंबे समय तक बहस के बाहर रहा किन्तु अनेक ऐसी बातें राजनीतिज्ञों के बहस की विषय बनी जो समाज को नकारात्मक दिशा की ओर लेजाने वाली कही जासकती हैं। राजनीतिक सोच के पतन की पराकाष्ठा तो तब होगई जब कांग्रेस के पदविहीन पुराने थिंक टेंक मेम्बर मणिशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी को नीच कहकर अपमानित किया।
इस चुनाव में मन्दिर दर्शन और हिन्दु होने के मुद्दे को भी गरमाया गया और कांग्रेस ने भाजपा की जीवन शैली को ओढ़ने का ढकोसला भी किया। गुजरात में राहुल गांधी ने 27 मंन्दिरों में माथा टेका, जबकि मोदी तीन बड़े मन्दिरों में गए।
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