राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता (Senior NCP leader) और पूर्व सांसद डी पी त्रिपाठी (D P Tripathi) का गुरूवार, 2 जनवरी,2020 कोलंबी बीमारी के बाद दिल्ली में निधन हो गया।
वह 67 वर्ष के थे। उनका पूरा नाम देवी प्रसाद त्रिपाठी (Devi Prasad Tripathi) था।
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर (Sultanpur) में जन्मे डी पी त्रिपाठी (D P Tripathi) अपने कॉलेज के दिनों में छात्र आंदोलन में सक्रिय थे।
डी पी त्रिपाठी (D P Tripathi) एक छात्र के रूप में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे थे। उन्होंने बाद में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर के रूप में पढ़ाया भी था।
स्व. डी पी त्रिपाठी (D P Tripathi) त्रैमासिक पत्रिका ‘थिंक इंडिया’ के संपादक भी थे। वे कई भारतीय और विदेशी भाषाएं बोल लेते थे। उन्होंने कई विदेशी विश्वविद्यालयों में व्याख्यान भी दिए थे।
डी पी त्रिपाठी (D P Tripathi) सोलह वर्ष की आयु में ही राजनीति (Politics) में आगए और बाद में प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के सहयोगियों की मंडली में शामिल कर लिए गए।। बाद में उन्होंने सोनिया गांधी के विरोध में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और वह 1999 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए।
डी पी त्रिपाठी (D P Tripathi) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में वह महासचिव और मुख्य प्रवक्ता के पद तक पहुँचे थे।
उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं थीं । उनका पहला हिन्दी काव्य संग्रह ‘प्रारूप’1973 में प्रकाशित हुआ था।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
नायडू ने अपने संदेश में कहा, वरिष्ठ सांसद डी पी त्रिपाठी (D P Tripathi) के निधन की खबर सुनकर उन्हें गहरा दुख हुआ है।
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने डी पी त्रिपाठी (D P Tripathi) के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि डी पी त्रिपाठी एक प्रसिद्ध राजनीतिक विचारक थे, जिन्होंने दृश्यहीनता के बावजूद जीवन भर काम किया।
उन्होंने कहा कि त्रिपाठी एक बुद्धिजीवी राजनीतिज्ञ थे और प्रिय मित्र थे।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता सुप्रिया सुले ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
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