थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने साफ किया कि कश्मीर में अलगाववादियों के साथ बातचीत तभी हो सकती है जब वे बंदूक छोडे़ तथा पश्चिमी के पड़ोसी से समर्थन लेना बंद करें।
जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारतीय सेना सभी कार्यों के लिए तैयार है और सभी मोर्चों पर परिस्थितियों को अच्छी तरह से प्रबंधित कर रही है।
नई दिल्ली गुरूवार को में वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि कठोर और नरम शक्ति दोनों को अपनाया जा रहा है और हिंसा को कम किया जा रहा है ताकि लोग पीड़ित न हों।
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जनरल रावत ने राष्ट्रीय मामलों में मीडिया की भूमिका और सच्चाई को बताने और सही परिप्रेक्ष्य देने के उनके प्रयासों की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि सेना ने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं को कारगर ढंग से सुरक्षित रखा है और चिंता का कोई कारण नहीं होना चाहिए।
जनरल रावत ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में स्थिति में और सुधार की जरूरत है और सेना राज्य में शांति के लिए पंयास कर रही है।
तालिबान के साथ बातचीत से संबंधित प्रश्न के उत्तर में जनरल रावत ने कहा कि अगर कई देश तालिबान से बात कर रहे हैं तो भारत बाहर नहीं हो सकता क्योंकि अफगानिस्तान में भारत के अपने हित हैं।
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