दिल्ली में हो रही लगातार सीलिंग के विरोध में कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के आव्हान पर मंगलवार को दिल्ली के सभी थोक एवं रिटेल बाज़ार पूरी तौर पर बंद रहे और कोई कारोबार नहीं हुआ !
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने केंद्र सरकार द्वारा सीलिंग के मामले पर तुरंत सीधा हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हुए कहा कि दिल्ली नगर निगम कानून के संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत बेहद ही मनमाने तरीके से सर्वोच्च न्यायलय के आदेश की आड़ में दिल्ली में सीलिंग हो रही है !
खंडेलवाल ने कहा कि कोई भी कार्यवाई करने से पहले निगम आयुक्त को म्युनिसिपल मजिस्ट्रेट के समक्ष एक समयबद्ध सीमा में एक शिकायत दर्ज़ करना अनिवार्य है और उसके बाद कारण बताओ नोटिस, व्यक्ति को अपना पक्ष रखने का अधिकार एवं अपील ट्रिब्यूनल तथा दिल्ली के प्रशासक यानी उपराज्यपाल के पास अपील देने का अधिकार निगम कानून देता है और उसी के बाद कोई कार्यवाई हो सकती है! दिल्ली के लोगों को उनके इन अधिकारों से महरूम किया गया है !
व्यापारियों ने केंद्र सरकार से मांग की है की दिल्ली को सीलिंग से बचाने के लिए तुरंत एक अध्यादेश लाया जाए तथा वहीँ दूसरी ओर 31 दिसम्बर, 2017 तक दिल्ली में बिल्डिंग अथवा कमर्शियल यूज़ “जहाँ है जैसा है” के आधार पर एक एमनेस्टी स्कीम दी जाए, 351 सड़कों को दिल्ली सरकार तुरंत अधिसूचित करे एवं अतिरिक्त निर्माण पर ऍफ़ ए आर को अविलम्ब बढ़ाया जाए ! लोगों ने दस साल तक कन्वर्शन शुल्क दे दिया इसलिए अब ऐसी लोगों से और कोई कन्वर्शन शुल्क न लिया जाए !
कैट ने यह भी कहा की लोकल शॉपिंग सेंटर्स कमर्शियल दरों पर दिए गए थे इसलिए उनसे कन्वर्जन चार्ज लेना कहाँ तक उचित है ओर उनको सील किया जाना बेहद दुर्भाग्य पूर्ण है ! दिल्ली में जिस तुग़लकी तरह से सीलिंग हो रही है ओर नगर निगम कानून को ताक पर रख दिया है उसको लेकर व्यापारी बेहद रोष में है !
एक अनुमान के अनुसार आज के व्यापार बंद के दौरान दिल्ली में लगभग 1500 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ जिसके चलते सरकार को लगभग 125 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ तथा लगभग 20 लाख लोगों के कार्य घंटे व्यर्थ हुए !
दिल्ली के विभिन्न मार्केटों में व्यापारियों ने विरोध मार्च निकला और बाद में दिल्ली के विभिन्न इलाकों जिनमें चौक हौज़ क़ाज़ी, कमला नगर, राजौरी गार्डन, साउथ एक्सटेंशन, कृष्णा नगर शामिल हैं पर होने वाले विराट विरोध धरने में शामिल हकार सीलिंग को बेहद अन्यायपूर्ण बताते हुए सरकार से दिल्ली के व्यापार को बचाने की पुरजोर मांग की !
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