राजस्थान में सड़क सुरक्षा Road safety के लिए कई कदम उठाए जाएंगे।
यह निर्णय राज्य सरकार के उच्च प्रशासनिक अधिकारियों की एक बैठक में लिया गया।बैठक में निश्चय किया गया कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सड़कों पर उचित मार्किंग तथा नगर पालिका स्तर तक जन सामान्य में ट्रेफिक लाइट्स के नियमों को समझने और उनका पालन करने के लिए जागरूकता प्रयास किए जाएंगे।
सड़क सुरक्षा Road safety के संदर्भ में पदयात्रियों के मार्ग के अवरोधक एवं अतिक्रमण दूर करने, ट्रोमा सेंटर्स, चिकित्सालयों की इन्फ्रास्ट्रक्चर मैपिंग एवं घायलों को समय रहते इलाज की सुनिश्चतता, गुड सेमेरिटन के विषय को 9वीं कक्षा के बाद स्कूली एवं कॉलेज पाठ्यक्रमों में शामिल करने जैसे प्रयास करने होंगे।
सड़क सुरक्षा Road safety के संदर्भ में राज्य यातायात प्रबन्धन समिति की जयपुर में 29 मार्च, शुक्रवार को शासन सचिवालय में मुख्य सचिव डी.बी.गुप्ता की अध्यक्षता में हुई 10वीं बैठक में इन विषयों पर विचार किया गया।
मुख्य सचिव ने कहा कि छोटे कस्बों-शहरों में जनसामान्य को ट्रेफिक लाइट्स के बारे मेें जागरूक किया जाना चाहिए क्योंकि यही लोग जब शहरों में आते हैं तो उन्हें इसकी जानकारी और आदत नहीं होने पर समस्या होती है।
उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा Road safety के लिए जरूरी है कि सड़कों के डेड एंड पर साइनेज एंव सफेद पेंट लगाने से कई दुर्घटनाएं टाली जा सकती है।
कस्बों एवं छोटे शहरों में नई बनी सड़कों पर तो मार्किंग कर दी गई है लेकिन पुरानी सड़कों पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया है।
उन्होंने गलत जगह बनाई गई जेब्रा क्रॉसिंग्स को भी ठीक कराने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि 9वीं कक्षा के बाद एवं कॉलेज के पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा Road safety के बारे में जानकारी का समावेश किया जाना चाहिए। साथ ही सड़क दुर्घटना के घायलों के समय रहते अस्पतालों में निःशुल्क उपचार के लिए योजना का प्रस्ताव तैयार किया जाए।
परिवहन विभाग के आयुक्त एवं शासन सचिव राजेश यादव ने बैठक का संचालन करते हुए सड़क सुरक्षा Road safety पर सुप्रीम कोर्ट कमेटी को भेजी जाने वाली रिपोर्ट की जानकारी दी।
विभिन्न वर्गों के सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण, ई चालान, उपकरण वितरण, ब्लैक स्पॉट सुधार एवं रोड सेफ्टी ऑडिट्स जैसे विभिन्न मुद्दों पर सभी हितधारक विभागों द्वारा की गई क्रियान्विति की जानकारी दी।
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