Severe Cyclone Tauktae Latest : पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर उठे भयंकर चक्रवाती तूफान तौकते (Severe Cyclone Tauktae ) के कारण गोवा (Goa) और कर्नाटक (Karnataka) में तेज बारिश (heavy rain) हो रही है।
समाचारों में कहा गया है कि 4 लोगों की कर्नाटक में भारी बारिश के कारण मौत हो गई है।
Severe Cyclone Tauktae के कारण कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए हैं और जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। समझा जाता है कि चक्रवाती तूफान गोवा तट से टकरा गया है। तटीय क्षेत्र में भारी बारिश हो रही है और राजधानी पणजी में इसका गंभीर असर देखा गया है और भारी नुकसान की खबर है।
कर्नाटक के मंत्री शिवराम हेब्बारी ने कहा है कि उत्तर कन्नड़ के 5 तालुकों में 71 घर, 76 मछली पकड़ने वाली नावें और 271 बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। एक व्यक्ति की मौत हुई है।
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ताजा समाचारों में कहा गया है कि केरल केअलाप्पुझा के कई इलाकों में चक्रवाती तूफान तौकाते के कारण भरी बारिश हो रही है और कई इलाकों में पानी जमा हो गया है । कुछ इलाकों में घरों में पानी के घुस जाने की भी खबर है।
मौसम विभाग ने अपने बुलेटिन में कहा है :
(i) वर्षा:
- केरल :16 मई को अधिकतर स्थानों पर हल्की से सामान्य वर्षा तथा कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा तथा 17 मई को कुछ स्थानों पर भारी वर्षा।
- कर्नाटक (तटीय तथा निकटवर्ती घाट जिले):16 मई को अधिकतर स्थानों पर हल्की से सामान्य वर्षा तथा कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा।
- दक्षिण कोंकण तथा गोवाः 16 मई को अधिकतर स्थानों पर हल्की से सामान्य वर्षा ,कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा और दक्षिण कोंकण तथा गोवा और निकटवर्ती घाट क्षेत्रों में अत्यधिक भारी वर्षा और 17 मई को कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा।
- उत्तर कोंकण:16 और 17 मई को अधिकतर स्थानों पर हल्की से सामान्य वर्षा और कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा।
- गुजरात:सौराष्ट्र के तटीय जिलों में आज दोपहर से अनेक स्थानों पर हल्की से सामान्य वर्षा, 17 मई को सौराष्ट्र तथा कच्छ और दीव के कुछ स्थानों पर भारी से भारी वर्षा और दक्षिण गुजरात के क्षेत्रों में अत्यधिक भारी वर्षा,18 मई को सौराष्ट्र तथा कच्छ और दीव के कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षाऔर दक्षिण गुजरात क्षेत्र में अत्यधिक भारी(20 सेंटी मीटर) वर्षा।
- राजस्थान:18 मई को अनेक स्थानों पर हल्की से सामान्य वर्षा और दक्षिण राजस्थान के कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा तथा 19 मई को राजस्थान के कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा।
(ii) हवा की चेतावनी
- पूर्वमध्य अरब सागर में 130-140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवा तेज होकर 155 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल रही है। 16 मई की मध्य रात्रि से दक्षिणपूर्व अरब सागर में हवा की रफ्तार 145-155 से बढ़कर 170 किलोमीटर प्रति घंटे होने की संभावना है।
- 16 मई को दक्षिण महाराष्ट्र- गोवा तथा पड़ोसी कर्नाटक के तटों पर80-90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पहुंचने वाली हवा की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है, 16 मई को उत्तर महाराष्ट्र तट और उससे दूर हवा की गति 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़ कर 70 किलोमीटर प्रति घंटे हो गई,17 मई से 18 मई तक हवा कीरफ्तार 65-75 किलोमीटर से तेज होकर 85 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है।
- उत्तरपूर्व अरब सागर तथा गुजरात और दमन तथा दीव में 16 मई की सुबह से 40-5 किलोमीटरप्रति घंटे की रफ्तार से पहुंचने वाली हवा 60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चली और उत्तरपूर्व अरब सागर गुजरात तट(पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, भावनगर) के पास और उससे दूर 150-160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आने वाली हवा 175 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति की होती जा रही है, भरूच, आणंद, दक्षिण अहमदाबाद, बोटाड, सुरेन्द्रनगर में हवा की रफ्तार 100-120 किलोमीटर प्रति घंटे से तेज होकर 135 किलोमीटर प्रति घंटे हो रही है,18 मई के तड़के से गुजरात के देवभूमि द्वारका, जामनगर, राजकोट,मोरबी जिलों में हवा की गति 90-100 से बढ़कर 120 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है, 17 मई की मध्य रात्रि से 18 मई की सुबह तक दादरा, नगर हवेली, दमन, वलसाड़, नवसारी, सूरत और खेड़ा जिलों के पास और उससे दूर हवा की गति 70-90 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 100 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है।
(iii) समुद्री की स्थिति
- 16 मई को पूर्वमध्य अरब सागर के ऊपर समुद्र में ऊंची से लेकर असारण लहर उठेगी तथा 17 और 18 मई कोउत्तरपूर्व अरब सागर में समुद्र की स्थिति गंभीर हो सकती है।
- 16 मई को महाराष्ट्र-गोवा तटों के पास और उससे दूर समुद्र की स्थिति बहुत खराब और उच्च हो सकती है। 17 मई को महाराष्ट्र तट के पास और उससे दूर समुद्र की स्थिति बहुत खराब और उच्च हो सकती है। 17 मई की सुबह से दक्षिण गुजरात तट के पास और उससे दूर समुद्र की स्थिति बहुत खराब होगी और 17 मई की मध्य रात्रि से समुद्री स्थिति असाधारण हो सकती है।
(iv) तूफान बढ़ने की चेतावनी
- निम्नलिखित क्षेत्रों के निचले इलाके खगोलीय ज्वार से ऊपर के ज्वार के कारण जलमग्न हो सकते हैः
- जूनागढ़ में 3 मीटर ऊपर, दीव, गिर सोमनाथ, अमरेली, भरूच, भावनगर, अहमदाबाद आणंद, सूरत में 1-2.5 मीटर ऊपर, तथा देवभूमि द्वारका, जामनगर, पोरबंदर, कच्छ,गुजरात के शेष तटीय जिलों में तूफान के जमीन से टकराने के समय 0.5-1 मीटर ऊपर (संलग्नक-I में विवरण दिया गया है)
(v) मछुआरों को चेतावनी
- पूर्वमध्य अरब सागर और कर्नाटक-गोवा-महाराष्ट्र के तटों के पास और उससे दूर मछली पकड़ने का काम पूरी तरह स्थगित रहेगा।
- 17 मई से उत्तरपूर्व अरब सागर और गुजरात तट और उससे दूर मछली पकड़ने का काम पूरी तरह स्थगित रहेगा।
- उत्तरपूर्व अरब सागर तथा कर्नाटक तट और उससे दूर 17 मई की सुबह तक मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह, 18 मई की सुबह तक पूर्वमध्य अरब सागर और महाराष्ट्र-गोवा तटों के पास और उससे दूर तथा उत्तरपूर्व अरब सागर तथा गुजरात तट और उससे दूर मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी जाती है।
- जो लोग उत्तर अरब सागर में गए हैं उन्हें तटों पर लौटने की सलाह दी जाती है।
(vi) (ए) पोरबंदर, अमरेली, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, बोटाड, तथा भावनगर और अहमदाबाद के तटीय क्षेत्रों में नुकसान की आशंका :
- फूस के घरों का पूर्ण विनाश / कच्चे मकानों को व्यापक क्षति। पक्के मकानों को थोड़ा नुकसान। उड़ने वाली वस्तुओं से खतरे की संभावना।
- बिजली और संचार के खम्भे झुकसकते हैं और उखड़ सकते हैं।
- कच्ची और पक्की सड़कों को बड़ा नुकसान। बचाव के रास्तों में बाढ़। रेलवे, ओवरहेड पावर लाइन और सिग्नलिंग प्रणाली में मामूली व्यवधान।
- नमक पैन और खड़ी फसलों को व्यापक नुकसान, झाड़ीदार पेड़ों का गिरना
- छोटी नौकाओं, देसी जलयान लंगर से अलग हो सकते हैं।
- दृश्यता बुरी तरह प्रभावित।
(vi) (बी) गुजरात के देवभूमि द्वारका, कच्छ, जामनगर, राजकोट तथा मोरबी, वलसाड़, सूरत, वड़ोदरा, भरूच, नवसारी, आणंद, अहमदाबाद जिलों में नुकसान की आशंका:
- फूस के घर / झोपड़ियों को भारी नुकसान। छतों के उपरी भाग उड़ सकते हैं। असंबद्ध धातु की चादरें उड़ सकती हैं।
- बिजली तथा संचार लाइनों को कम नुकसान।
- कच्ची सड़कों को भारी नुकसान तथा पक्की सड़कों को थोड़ा नुकसान। बचाव मार्गों में बाढ़।
- पेड़ की शाखाएं टूट सकती हैं, बड़े पेड़ जड़ से उखड़ सकते हैं, केला तथा पपीता के पेड़ों को साधारण नुकसान। मृत बड़ी डालियां पेड़ों से उड़ सकती हैं।
- तटीय फसलों को भारी नुकसान।
- तटबंधों/ नमक पैन को नुकसान।
(vii) कार्रवाई का सुझाव:
- संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को निकालने का काम करना।.
- मछली पकड़ने का काम पूरी तरह स्थगित।
- रेल और सड़क ट्रैफिक का उचित उपयोग।
- प्रभावित क्षेत्रों में लोग घरों में रहेंगे।
- मोटर बोट तथा छोटी नौकाओं की आवाजाही असुरक्षित।
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