दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) नहीं रही। शनिवार शाम 3:55 बजे उनका दिल्ली के एक अस्पताल में हृदय गति रुकने से देहांत हो गया।
वह 81 वर्ष की थीं।
प्रधान मंत्री ने एक ट्वीट में शोक व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान था।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित अनेक नेताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वह श्रीमती शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) की मौत की खबर सुनकर स्तब्ध रह गए हैं और उन्हें गहरा धक्का लगा है।
कुछ दिनों पहले अचानक बीमार हो जाने पर शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) को एस्कॉर्ट्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहाँ आज 20 जुलाई, 2019 को उनका देहांत हो गया। इसकी पुष्टि उनके परिवार के सदस्यों ने की है।
शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) इस समय दिल्ली कांग्रेस की प्रमुख भी थीं।
इस साल हुए आम चुनाव में वह उत्तर पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ी थीं लेकिन भाजपा के मनोज तिवारी से हार गईं थीं।
शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) 1984 में उत्तर प्रदेश के कन्नौज से लोकसभा की सदस्य चुनी गईं थीं और राजीव गांधी के मंत्रिमण्डल में मंत्री भी थीं।
उनका जन्म पंजाब के कपूरथला में 31 मार्च, 1938 को हुआ था। उनके पिता का नाम स्वर्गीय श्रीकृष्ण कपूर था।
उनकी शिक्षा दीक्षा दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के काॅलेज मिरांडा हाउस में हुई थी।
शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) का विवाह विनोद कुमार दीक्षित से 11 जुलाई,1962 को हुआ था। उनके दो संतानें हैं एक पुत्र एवं एक पुत्री।
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