नई दिल्ली, 15 जनवरी | पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू रविवार को औपचारिक तौर पर कांग्रेस में शामिल हो गए। सिद्धू ने इसे अपनी ‘नई पारी की शुरुआत’ कहा। उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद पार्टी में शामिल होने की औपचारिक पूरी की। राहुल ने अपने आवास पर पहुंचे पूर्व भाजपा सांसद का गर्मजोशी से स्वागत किया। सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुकी हैं।
मुलाकात और बात के बाद सिद्धू और राहुल ने मुस्कुराते हुए तस्वीरें खिंचवाईं।
बाद में सिद्धू ने ट्वीट किया, “एक नई पारी की शुरुआत। अब फ्रंटफुट पर पंजाब, पंजाबियत और हर पंजाबी की जीत जरूर होगी।”
सिद्धू 4 फरवरी को होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में अमृतसर (पूर्व) सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जा सकते हैं। यह अमृतसर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। सिद्धू ने इस क्षेत्र का सांसद के रूप में प्रतिनिधित्व 2004 से 2014 तक किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “कांग्रेस सिद्धू का स्वागत करती है और पार्टी में खुली विचारधारा के लोगों को लाने के लिए राहुल गांधी के प्रति आभार प्रकट करती है।”
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भटिडा से फोन कर सिद्धू को बधाई दी और कहा कि उनके शामिल होने से पंजाब में कांग्रेस मजबूत होगी।
अमरिंदर सिंह के कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक, “चुनाव में अमृतसर पूर्व सीट से पार्टी की पसंद होने के अलावा वह पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के स्टार प्रचारक भी होंगे।”
सिद्धू हास्य कलाकार कपिल शर्मा के हर टीवी शो में तालियां बजाते और शेरो-शायरी करते देखे जाते हैं। हाजिर जवाब सिद्धू नेता कम, सेलिब्रिटी ज्यादा हैं।
सिद्धू जैसी शख्सियत का साथ छूटने से आहत भाजपा ने कहा कि ‘सिद्धू एक डूबते हुए जहाज में सवार हो रहे हैं।’
भाजपा नेता और गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा, “सिद्धू एक बड़े सहयोगी हैं। मुझे उम्मीद है कि वह डूबते जहाज में नहीं डूबेंगे।”
उधर, आम आदमी पार्टी (आप) ने तुरंत सिद्धू का मजाक बनाना शुरू कर दिया। आप ने सिद्धू के पुराने वीडियो का इस्तेमाल किया, जिसमें वह कांग्रेस पर बुरी तरह से हमला बोल रहे हैं।
आप नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सिद्धू को विधानसभा चुनाव में इसलिए उतारा गया है, क्योंकि राहुल गांधी अमरिंदर सिंह को पसंद नहीं करते। यानी भविष्य में पंजाब कांग्रेस की कमान सिद्धू को सौंपी जा सकती है। केजरीवाल अभी पंजाब में अपनी पार्टी के प्रचार अभियान में जुटे हैं।
सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल ने सिद्धू के कांग्रेस में शामिल होने को महत्वहीन बताते हुए कहा कि इससे चुनावी नतीजों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
भाजपा से नाराज सिद्धू पहले पत्नी सहित आप में शामिल होने पर विचार कर रहे थे, मगर बात नहीं बनी। सिद्धू ने बीते शुक्रवार को राहुल गांधी से मुलाकात कर पार्टी में अपनी भूमिका को लेकर चर्चा की थी।
सिद्धू ने कहा कि भाजपा में रहते हुए उन्हें अपनी भावनाओं के दबने का अहसास हो रहा था। उन्होंने अपने दोस्तों से कहा कि भाजपा ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में अकाली दल के दबाव की वजह से अमृतसर से उन्हें चुनाव नहीं लड़ने दिया। उन्हें महत्व न देकर अरुण जेटली को उम्मीदवार बनाया, जो कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह से हार गए। हारे हुए जेटली मोदी सरकार के वित्तमंत्री हैं।
भाजपा छोड़ने के बाद और आप में शामिल होने में विफल रहने के बाद सिद्धू ने बैंस बंधुओं के साथ मिलकर ‘आवाज-ए-पंजाब’ का गठन किया था, लेकिन बैंस बंधु केजरीवाल की आप से जुड़ गए। सोच-विचार में काफी वक्त लगाने के बाद सिद्धू ने आखिरकार कांग्रेस का हाथ थाम लिया।
पंजाब विधानसभा चुनाव में तीन प्रमुख पार्टियों- सत्तारूढ़ अकाली दल-भाजपा गठबंधन, मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। आप को प्रवासी पंजाबियों की मदद मिल रही है।
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