भोपाल, 31 अक्टूबर| मध्यप्रदेश की राजधानी स्थित केंद्रीय कारागार से प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़े आठ विचाराधीन कैदियों के फरार होने के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। भोपाल के पुलिस महानिरीक्षक योगेश चौधरी के मुताबिक, इन कैदियों ने टूथब्रश (प्लास्टिक) और लकड़ी से चाबियां बनाई थीं और इसी से ताला खोलकर बैरक से बाहर आए।
सिमी के ‘आतंकियों’ के मुठभेड़ में मारे जाने को लेकर उठ रहे सवालों के बाद भोपाल के आईजी चौधरी ने सोमवार की देर शाम संवाददाताओं के सामने ब्योरा दिया। उन्होंने बताया कि भोपाल जेल में सिमी से जुड़े कुल 29 विचाराधीन कैदी हैं। इनमें से आठ दो बैरकों में थे। इन आठों ने टूथब्रश सहित अन्य सामान से चाबियां बनाई थीं। ताला खोलने के बाद उन्होंने प्रहरी रमाशंकर यादव की गला रेतकर हत्या की और चंदन सिंह के हाथ-पैर बांध दिए, फिर चादरों को रस्सी की तरह इस्तेमाल कर 25 फीट ऊंची दीवार फांद कर भाग गए।
उन्होंने आगे बताया कि सूचनाओं के आधार पर पुलिस ने गुनगा थाने के मडीखेड़ा के पठार क्षेत्र में खेजरा नाला के पास उन्हें घेरा। इस पर फरार विचाराधीन कैदियों ने गोली चलाई और धारदार हथियार से पुलिस बल पर हमला किया। इस हमले में तीन पुलिस जवानों को चोटें आई हैं।
चौधरी के मुताबिक, पुलिस ने जवाब में कुल 45 राउंड गोलियां चलाईं, जिसमें आठों फरार कैदी मारे गए। उनके पास से चार देसी कट्टे व तीन चाकू बरामद किए गए हैं। इनके पास से कोई मोबाइल नहीं मिला है।
उन्होंने बताया कि जो विचाराधीन कैदी मारे गए हैं, उनमें से तीन ऐसे थे, जिन्होंने रविवार रात की घटना से पहले दो सुरक्षा जवानों की हत्या की थी।
संवाददाताओं ने जब चौधरी से फरार कैदियों के कपड़ों, जूतों और उनके जंगल में पहुंचने और ग्रामीणों के यह कहने पर कि उनके पास हथियार नहीं थे के अलावा वायरल हुए वीडियो को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि यह सब जांच का विषय है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसकी जानकारी मीडिया को दी जाएगी।–आईएएनएस
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