महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिला स्थित परुलेचिपी में 2018 तक एक नये हवाई अड्डे का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इस साल जून तक परियोजना कार्य के पूरे होने की उम्मीद है। निर्माण कार्य सितम्बर में मानसून और गणेश महोत्सव की शुरुआत से पहले समाप्त हो जाएगा।
आईआरबी सिंधुदुर्ग एयरपोर्ट प्राइवेट लि. इस हवाई अड्डे का निर्माण कर रही है। महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) ने कंपनी के साथ डिजाइन-निर्माण-वित्त-संचालन-हस्तांतरण (डीबीएफओटी) के आधार पर समझौता किया है। सिंधुदुर्ग हवाई अड्डे के रनवे की लम्बाई 2500 मीटर होगी और भविष्य में इसे विस्तारित करने की भी सुविधा है। इस हवाई अड्डे के निर्माण की लागत 520 करोड़ रुपये है।
सिंधुदुर्ग हवाई अड्डे के पास 200 प्रस्थान और 200 आगमन यात्रियों की संचालन क्षमता होगी। भविष्य में हवाई अड्डे के विस्तार के बाद यह क्षमता बढ़कर 400 प्रस्थान और 400 आगमन यात्रियों के संचालन की हो जाएगी। हालांकि हवाई अड्डे का निर्माण घरेलू यात्रियों को ध्यान में रख कर किया गया है, लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय चार्टर उड़ानों की सेवा के लिए आवश्यक सुविधाओं से लैस होगा।
महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) और आईआरबी सिंधुदुर्ग एयरपोर्ट प्राइवेट लि. के बीच हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 2009 में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। पर्यावरण और वन मंत्रालय ने हवाई अड्डे के निर्माण के लिए सैद्धांतिक तौर पर नागरिक विमानन मंत्रालय को पर्यावरण मंजूरी दी थी।
टैक्सी मार्ग, एप्रन और पृथक मार्ग का निर्माण पूरा हो चुका है और जमीन पर प्रकाश व्यवस्था का निर्माण कार्य चल रहा है। यात्री टर्मिनल भवन, एटीसी टावर और तकनीकी भवन का निर्माण तेजी से चल रहा है। अन्य सहायक इमारतों का निर्माण कार्य प्रगति पर है और तय समय पर पूरे होने की उम्मीद है।
महाराष्ट्र के कोकण क्षेत्र, गोवा के कुछ हिस्सों, उत्तरी कर्नाटक और पश्चिमी महाराष्ट्र को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए सिंधुदुर्ग में हवाई अड्डे का निर्माण आवश्यक था। वर्तमान में महाराष्ट्र राज्य में 3 अंतरराष्ट्रीय और 13 घरेलू हवाई अड्डे कार्यरत हैं।
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