वित्त मंत्री (Finance Minister) श्रीमती सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने अर्थ व्यवस्था को बढ़ावा देने (boost the economy) और निर्यात को बढ़ावा देने (boost exports) के लिए कई उपायों की घोषणा की।
नई दिल्ली में शनिवार ,14 सितंबर, 2019 को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भुगतान किए गए करों की प्रतिपूर्ति (Remission of Duties) के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी जिसे निर्यात उत्पाद पर शुल्क या कर Taxes on Export Product (RoDTEP) कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि सरकार इस योजना पर राजस्व की अनुमानित राशि रु 50,000 करोड़ छोड़ देगी(forego) । यह योजना जनवरी 2020 से प्रभावी हो जाएगी।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इसका उद्देश्य मौजूदा व्यवस्था के स्थान पर प्रतिस्थापित किया जा सके और मौजूदा स्कीमों की तुलना में निर्यातकों को पर्याप्त रूप से प्रोत्साहन दिया जा सके।
अर्थ व्यवस्था को बढ़ावा देने (boost the economy) के लिए निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार “नेट वर्थ पॉजिटिव” हाउसिंग प्रोजेक्ट्स (Housing Projects) के लिए फंडिंग उपलब्ध कराएगी जो दिवालिया प्रक्रिया में नहीं हैं या नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (non-performing assets) के रूप में वर्गीकृत हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार बाहरी डेवलपर्स को विदेशी फंड प्राप्त करने में मदद करने के लिए बाहरी वाणिज्यिक उधार ( relax external commercial borrowing) (ECB) दिशानिर्देशों में ढील देगी।
अर्थ व्यवस्था (Economy) को बढ़ावा देने के लिए सीतारमण ने यह भी कहा कि आवास निर्माण अग्रिम पर ब्याज दर को कम किया जाएगा और 10 साल की सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) की अर्जित राशि से जोड़ा जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा “सरकारी कर्मचारी घरों की मांग के एक प्रमुख घटक में योगदान करते हैं। इससे सरकारी कर्मचारियों को नए घर खरीदने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।”
सीतारमण ने घोषणा की कि किफायती और मध्यम आय वाले आवास (Housing) को बढ़ावा देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये की विशेष व्यवस्था (special window) की गई है।
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