दिल्ली के सरकारी अस्पतालों (Hospitals) में पांच साल पहले 3 करोड़ लोग ओपीडी में इलाज के लिए आते थेे, अब उनकी संख्या 6 करोड़ लोग होगई है।
निजी अस्पताल (Hospital) में लोगों को एक यह भी डर होता है कि कहीं उनका जरूरत से ज्यादा इलाज तो नहीं हो रहा है। कुछ निजी अस्पताल (Hospital) में ऐसा होता है, इस कारण लोगों के मन में यह डर बना है। लेकिन सरकारी अस्पताल (Hospital) में ऐसा नहीं है।
सरकार को व सरकारी डाक्टरों को पैसा नहीं कमाना है। इस कारण हमारे लिए चैलेंज है। सरकारी अस्पताल (Hospital) में जैसे जैसे सुविधा बढ़ेगी लोग निजी अस्पताल छोड़कर सरकारी में आएंगे। ऐसे में हमें चैलेंज के लिए तैयार रहना होगा।
दिल्ली सरकार अस्पताल (Hospital) के क्षेत्र में विकास के लिए तैयार है।
Photo : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पूर्वी दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल में 24 अक्टूबर, 2019 को विभिन्न सुविधाओं का शुभारंभ करते हुए।
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में यह सुविधाएं हुई प्रारंभ :
– ओपन हर्ट सर्जरी
– 16 बेड आईसीयू
– ओटी काम्प्लेक्स
– हेप्टाटोबलरी, बिराट्रिक और मेटाबोलिक सर्जरी सेंटर
– गैस्ट्रोएंट्रोलाजी
दिल्ली अन्य राज्यों के लिए मार्गदर्शक बने
दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में 3 स्तरीय प्रणाली बनाई है। पहला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या मोहल्ला क्लीनिक है।
दिल्ली में 300 से अधिक मोहल्ला क्लीनिक हैं, क्लीनिक के अंदर सभी प्राथमिक इलाज व दवाएं उपलब्ध हैं।
दिल्ली में 125 पॉलीक्लिनिक्स हैं, जिनमें से 26 क्लीनिक के अंदर विशेषज्ञ हैं।
दिल्ली में मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल (Hospital) और सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल हैं। राजीव गांधी अस्पताल सुपर-स्पेशियलिटी अस्पतालों (Hospitals) में से एक है, जहां बड़ी बीमारियों के इलाज और उपचार किया जाता है।
अस्पताल में 200 से अधिक बेड हैं और यह शहर के सबसे अच्छे सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में से एक है। एक महीने के भीतर 500 एंजियोग्राफी टेस्ट और 150 एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) करना अस्पताल (Hospital) के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
राजीव गांधी सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल (Rajiv Gandhi Super Specialty Hospital) एंजियोप्लास्टी सर्जरी के लिए दिल्ली के शीर्ष अस्पतालों में से एक है। दिल्ली सरकार ने शहर में स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार के लिए प्रमुख रूप से काम किया है।
इंग्लैंड, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका आदि देशों ने गुणवत्ता शिक्षा और गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवा में परांगत है। बांग्लादेश और भारत जैसे देशों में लोगों के लिए पर्याप्त गुणवत्ता स्वास्थ्य, देखभाल और शिक्षा सुविधाएं नहीं हैं।
हम चाहते हैं कि दिल्ली भारत के अन्य राज्यों के लिए एक मार्गदर्शक बने ताकि भारत जल्द ही एक विकसित राष्ट्र बन सके।
दिल्ली सरकार ने राज्य के किसी भी निजी या सरकारी अस्पतालों में दुर्घटना के शिकार लोगों की लागत को वहन करने की जिम्मेदारी भी ली है। मेरा मानना है कि दिल्ली सभी राज्यों के लिए प्रकाशस्तंभ बने ताकि भारत दुनिया के सबसे प्रगतिशील देश हो सके।
– सतेंद्र जैन, स्वास्थ्य मंत्री,दिल्ली
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