Morarka

छोटे किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए : मोरारका

एम आर मोरारका-जीडीसी रूरल रिसर्च फाउण्डेशन के चेयरमैन कमल एम मोरारका का कहना है कि छोटी जोत वाले किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए उन्हें जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए तथा उन्हें पर्याप्त प्रशिक्षण और जानकारी दीजानी चाहिए।

मोरारका रविवार को राजस्थान के नवलगढ़ में शेखावाटी उत्सव के अवसर पर दिल्ली से आए मीडिया  प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि जैविक खेती करने से किसानों की लागत लगभग नहीं के बराबर होगी और उनकी उपज के दाम अच्छे मिलेंगे। नवलगढ़ तहसील के 130 गांवों के किसान जैविक खेती में लगे हुए हैं और फाउण्डेशन से जुड़े हुए हैं।

मोरारका का कहना था कि कम उपज के बाद भी किसान को लाभ इसलिए मिलेगा क्योंकि खाद आदि में उसका खर्च कम होगा। उनका कहना था कि शहरों में ओर्गेनिक खाद्यान्न और सब्जियां खाना फैशन बन रहा है जो स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है।

मोरारका ने बताया कि मोरारका फाउण्डेशन किसानों की सहायता के लिए वर्मी कम्पोस्ट मुफ्त देता है चाहे वह देश के किसी भी भाग में रहता हो। इससे जैविक खेती करने वालों का हौंसला बढ़ रहा है।

माेरारका फाउण्डेशन के टीम लीडर और जाने माने कृषि विशेषज्ञ मुकेश गुप्ता ने बताया कि फाउण्डेशन ने 19 राज्यों के ढाई लाख से अधिक छोटे किसानों को जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया और प्रोत्साहित किया है।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा पांच देशों के किसानों के साथ मोरारका फाउण्डेशन जुड़ा हुआ है। इनमें इण्डोनेशिया, मलेशिया,फिलिपीन्स, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ तिमोर-लेस्टे जैसे दक्षिणी एशिया के देश हैं।