रायपुर, 8 सितंबर (जस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा है कि सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए राज्य में छोटे नदी-नालों पर बड़ी संख्या में एनीकटों का निर्माण किया जा रहा है। एनीकटों से सिंचाई और निस्तार के लिए पानी उपलब्ध होने के साथ-साथ भू-जल स्तर में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। मुख्यमंत्री ने गुरूवार को यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के संबंध में आयोजित बैठक में कहा कि राज्य सरकार द्वारा सौर-सुजला योजना के अंतर्गत किसानों को सिंचाई के लिए अनुदान पर 51 हजार सोलर सिंचाई पम्प दिए जाएंगे। इस वर्ष ग्यारह हजार पम्प देने का लक्ष्य है। आने वाले वर्षों में हर वर्ष बीस-बीस हजार सोलर सिंचाई पम्प किसानों को दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत राज्य में 10 प्रतिशत से कम सिंचाई की सुविधा वाले जिलों को केन्द्रित करते हुए कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सिंचाई सुविधा के विस्तार के लिए ऐसी कार्ययोजना बनाई जाए जिसका धरातल पर पूरी तरीके से क्रियान्वयन किया जा सके और जल का बेहतर ढंग से संरक्षण हो सके।
केन्द्र सरकार के जलसंसाधन विभाग के सचिव डॉ अमरजीत सिंह ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ में भू-जल की पर्याप्त उपलब्धता है। वर्तमान में इसके 20 से 30 प्रतिशत हिस्से का ही उपयोग किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में इसके अधिक से अधिक उपयोग पर विचार किया जाना चाहिए। जिन जिलों में कम सिंचाई की सुविधा है, वहां पर मनरेगा तथा अन्य योजनाओं के कन्वर्जेंस के साथ कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाए।
उन्होंने गरियाबंद जिले द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पर दिए गए प्रस्तुतिकरण की सराहना की। सिंह ने कहा कि हमें सबसे पहले प्रदेश में चिन्हित 11 जिलों को केन्द्रित करते हुए, इस योजना का क्रियान्वयन करना चाहिए।
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