नई दिल्ली, 5 अगस्त | आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने पर विचार करने के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में लगातार दिए जा रहे आश्वासनों के बीच मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। नायडू गुरुवार को यहां पहुंचे और उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और वित्तमंत्री अरुण जेटली से भी मुलाकात की।
सत्ताधारी तेलुगू देशम पार्टी (तदेपा) के सूत्रों ने आईएएनएस से कहा कि आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने के मामले में नायडू ने प्रधानमंत्री से त्वरित कार्रवाई का आग्रह किया। तेलंगाना गठन के बाद राज्य विकास के मोर्चे पर पिछड़ गया है।
नायडू ने मोदी से कहा कि राज्य को विशेष दर्जा देने का आश्वासन तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिया था और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने उसका समर्थन किया था।
तेदेपा सूत्रों ने कहा कि भाजपा सहित सभी राजनीतिक पार्टियों ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक का समर्थन किया था, इसलिए आंध्र प्रदेश के प्रति सभी पार्टियों का दायित्व है।
तदेपा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का एक घटक दल है और केंद्रीय मंत्रिपरिषद में उसके दो मंत्री -अशोक गजपति राजू और वाई.एस. चौधरी- हैं।
एक अन्य क्षेत्रीय दल वाईएसआर कांग्रेस पार्टी भी राज्य के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रही है, जिससे कई तदेपा नेता और पार्टी के सदस्य राजग और भाजपा नेतृत्व को यह चेतावनी देने के लिए बाध्य हो रहे हैं कि अगर मांग पूरी नहीं होती है तो वे गठबंधन से अलग हो सकते हैं।
जेटली ने गुरुवार को लोकसभा में कहा था, “मैंने मुख्यमंत्री (नायडू) से बात की है और आश्वस्त हूं कि हम एक संतोषजनक हल ढूंढ़ लेंगे। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री राजधानी में होंगे।”
दो दिनों के भीतर वित्तमंत्री ने दूसरी बार इस तरह क आश्वासन दिए।
केंद्रीय राज्य मंत्री वाई.एस. चौधरी ने मंगलवार को कहा था कि जेटली के आश्वासन के बाद उनकी पार्टी इंतजार करो और देखो की नीति अपनाएगी।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने के मुद्दे से बंधी हुई है और इसका यथाशीघ्र कोई हल ढूंढ़ने की कोशिश की जाएगी। —आईएएनएस
(फाइल फोटो)
Follow @JansamacharNews