देश में जम्मू और कश्मीर के बाद संभवतः कर्नाटक ऐसा राज्य है जिसने अपना अलग झंडा या राज्य ध्वज बनाया है। इस ध्वज को कर्नाटक कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही इसे केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेज देगी।
यह झंडा या राज्य ध्वज तीन रंगों के मेल से बना है। ध्वज में सबसे ऊपर पीली पट्टी है। बीच मे सफेद और नीचे लाल पट्टी है। बीच की सफेद पट्टी पर राज्य का प्रतीक चिह्न “गंडाबेरूण्डा” (दो बाज पक्षी) अंकित है।
यह विशाल चिड़ियाएं एक पौराणिक प्रतीक चिह्न है। इनकी शक्ति विशाल है, जो विनाशकारी शक्तियों से लड़ने में समर्थ हैं।
रंगों का विशेषता के बारे कहा गया है कि पीला रंग क्षमा, सफेद रंग शांति तथा लाल रंग बहादुरी का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस ध्वजको अपने कैम्प दफ्तर में एक बैठक के दौरान सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया। इस अवसर पर कन्नड़ संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि यह कन्नड़ लोगों के अभिमान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि अपने ट्वीट में भी कहा मैं कन्नड़ संगठनों का धन्यवाद करता हूं, कन्नड़ लेखकों और बुद्धिजीवियों को इसका डिजाइन और मनोहारी रूप पसंद आया है।
कर्नाटक साहित्य अकादमी के अध्यक्ष प्रोफेसर चंद्रशेखर पाटिल ने कहा “यह एक ऐतिहासिक दिन है। इस झंडे को मंजूरी देने में केंद्र को परेशानी नहीं होनी चाहिए।”
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