स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 05 मार्च, 2020 को राज्यसभा में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मद्देनज़र एक विस्तृत वक्तव्य दिया।
उनका वह वक्तव्य पाठकों की जानकारी के लिए प्रस्तुत है :
- 07 फरवरी को राज्यसभा में और 10 फरवरी को लोकसभा में मेरे द्वारा दिए गए वक्तव्य की निरंतरता में, मैं माननीय सदस्यों को नोवल कोरोना वायरस रोग के प्रकोप से संबंधित वर्तमान स्थिति और भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर अब तक की स्थिति से अवगत कराना चाहूंगा।
- जैसा कि पहले बताया गया है, कोरोनावायरस (Coronavirus) अनेक वायरसों का बड़ा समूह है, जो मनुष्यों और जानवरों में बीमारी का कारण बनता है। शायद ही कभी, पशु कोरोना वायरस लोगों में संक्रमित हो सकता है और फिर लोगों के बीच फैल सकता है, जैसे कि 2003 में गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (एसएआरएस) तथा 2014 में मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम (एमईआरएस) के संक्रमण में देखा गया।
- चीन में 31 दिसंबर, 2019 को नोवल कोरोनावायरस (Coronavirus) के प्रकोप की रिपोर्ट के बाद से, चीन के सभी प्रांतों और भारत सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में बड़ी संख्या में इसके मामले सामने आए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने नोवेल कोरोना वायरस रोग को कोविड-19 नाम दिया है।
- चीन में 4 मार्च तक, कुल 80,270 मामलों की पुष्टि हुई तथा 2,981 मौतें हुई। यद्यपि चीन में मामलों और मौतों की दैनिक पुष्टि में गिरावट देखी है, फिर भी हूबेई प्रांत और वुहान शहर से इसके नए मामले सामने आ रहे हैं। चीन के बाहर 78 देशों (हांगकांग, मकाओ और ताइवान सहित) में कुल 12,857 मामलों की पुष्टि हुई तथा 220 लोगों की मौतें हुई। इनमें से 30 देशों ने स्थानीय संक्रमण की सूचना दी है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस प्रकोप को 30 जनवरी, 2020 को “अंतर्राष्ट्रीय चिंता वाला जनस्वास्थ्य आपातकाल” (पीएचआईसी) के रूप में घोषित किया है तथा 28 फरवरी, 2020 को वैश्विक जोखिम के स्तर को “अत्यधिक” तक बढ़ा दिया है। हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 को महामारी के रूप में घोषित नहीं किया है, इसने इसके लिए देशों को तैयार रहने का आह्वान किया है। यह ध्यान देने योग्य है कि भारत ने डब्ल्यूएचओ की सलाह से बहुत पहले 17 जनवरी से ही फील्ड स्तर पर आवश्यक तैयारी और कार्रवाई शुरू कर दी थी।
- एक बार जब कोई व्यक्ति संक्रमित होता है, तो बीमारी 1-14 दिनों के बीच कभी भी विकसित हो सकती है। नोवल कोरोना वायरस रोग के मुख्य लक्षण बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई होना है। कोरोना वायरस के सभी संदिग्ध या संभावित मामलों को रोग के संक्रमण से रोकने के लिए बैरियर नर्सिंग और व्यापक सावधानियों के साथ अलगाव में इलाज किया जाना चाहिए।
- हमारे देश में, 4 मार्च तक कुल 29 मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें से 3 मामले केरल में पहले भी दर्ज किए गए थे, जो तब से ठीक हो चुके हैं और उन्हें पहले ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। पिछले 3 दिनों से, यात्रा संबंधी नए मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें दिल्ली में एक (इटली का यात्रा इतिहास) और तेलंगाना (दुबई से यात्रा इतिहास और सिंगापुर से व्यक्ति से संपर्क इतिहास) शामिल हैं। दोनों चिकित्सकीय रूप से स्थिर हैं। उत्तर प्रदेश के आगरा में 6 और मामलों में परीक्षण के बाद पुष्टि हुई है, जिनका दिल्ली में संपर्क का इतिहास है। क्लस्टर प्रबंधन योजना के अनुसार आवश्यक कार्रवाई शुरू की गई है। इसके अलावा, राजस्थान में एक इतालवी पर्यटक और उसकी पत्नी में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। दिल्ली लौटने पर इस समूह के 14 अन्य पर्यटकों और उनके भारतीय बस चालक के परीक्षण के बाद इनमें कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। इन सभी के स्थिर होने की सूचना है। दिल्ली में कल कोरोना वायरस की पुष्टि वाला एक मामला सामने आया है (इटली से यात्रा इतिहास रहा है), जो स्थिर बना हुआ है।
- पूरे विश्व में इस बिमारी के फैलने की स्थिति में न केवल स्वास्थ्य बल्कि सरकार के सभी क्षेत्रों द्वारा निरंतर प्रयास करना चाहिए। माननीय प्रधानमंत्री नियमित आधार पर तैयारियों और उठाए गए कदमों की निजी तौर पर निगरानी कर रहे हैं। भारत सरकार बिमारी के प्रवेश और नियंत्रण के लिए अनेक कदम उठा रही है। मैं रोजाना स्थिति की समीक्षा कर रहा हूं। विदेश मंत्री, नागर विमानन मंत्री, गृह राज्यमंत्री, जहाज रानी राज्यमंत्री तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री को शामिल करके मंत्रिसमूह बनाया गया है। यह समूह स्थिति पर निगरानी रखने के लिए बनाई गई है। मंत्री समूह की बैठक 3 फरवरी, 2020 से चार बार हो चुकी है। कैबिनेट सचिव स्वास्थ्य, रक्षा, विदेश, नागर विमानन, कपड़ा, फार्मा और वाणिज्य मंत्रालयों और राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ नियमित रूप से समीक्षा बैठक कर रहे हैं। मेरा मंत्रालय नवीनतम स्थिति की निरतंर समीक्षा कर रहा है। एक दिन छोड़कर दूसरे दिन राज्यों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की जा रही है।
- भारत सरकार ने देश में नोवल कोरोना वायरस (Coronavirus) के फैलने के जोखिम को नियंत्रित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। 17 जनवरी, 2020 को हमारा पहला यात्रा परामर्श जारी किया गया और नवीनतम स्थिति के अनुसार यात्रा परामर्शों में संशोधन किया जा रहा है। अभी निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं : –
- 3.3.2020 को या उससे पहले इटली, ईरान, दक्षिण कोरिया, जापान के नागरिकों को जारी सभी नियमित (स्टीकर) नियमित वीसा/ ई-वीसा (जापान और दक्षिण कोरिया के लिए आगमन पर वीसा सहित) और जो यात्री भारत में प्रवेश नहीं किये हैं उनके वीसा को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया है।
- 5.2.2020 को और उससे पहले चीन जनवादी गणराज्य के नागरिकों को जारी नियमित (स्टीकर) वीसा / ई-वीसा पहले स्थगित कर दिये गए थे। यह स्थगन प्रभावी रहेगा।
- ऐसे सभी विदेशी नागरिकों जिन्होंने 1.2.2020 को या उससे पहले चीन जनवादी गणराज्य, ईरान, इटली, दक्षिण कोरिया तथा जापान की यात्रा की है और जो अभी भारत में प्रवेश नहीं किये हैं उनके नियमित (स्टीकर) वीसा / ई-वीसा तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिये गए हैं।
- राजनयिक, संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य संस्थानों के अधिकारियों, ओसीआई कार्ड धारकों तथा उपरोक्त देशों के विमान कर्मियों को प्रवेश पर ऐसी पाबंदी से छूट की गई है लेकिन प्रवेश स्थल पर उनकी स्क्रीनिंग अनिवार्य है।
- किसी भी बंदरगाह से भारत में प्रवेश करने वाले सभी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के यात्रियों के लिए स्वघोषणा पत्र (व्यक्तिगत विवरण यानी फोन नम्बर और भारत में निवास का पता) और यात्रा इतिहास सभी बंदरगाहों पर स्वास्थ्य अधिकारियों और प्रवासन अधिकारियों को सौंपना होगा।
- भारतीय नागरिकों को चीन, ईरान, कोरिया, इटली तथा जापान की यात्रा नही करने की सलाह दी गई है। भारतीय नागरिकों को कोविड-19 प्रभावित अन्य देशों की गैर जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
- देश में 18.01.2020 से ही यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई है। दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई, कोलकाता, बैंगलुरू, हैदराबाद तथा कोच्ची शुरू में कवर किये गए थे। स्कीनिंग को कुल 21 हवाई अड्डों पर बढ़ाया गया। नवीनतम स्थिति के अनुसार चीन, दक्षिण कोरिया, जापान, ईरान, इटली, हांगकांग, वियतनाम, मलेशिया, इंडोनेशिया, नेपाल, थाइलैंड तथा सिगांपुर से सीधी उड़ानों से आने वाले यात्रियों की यूनिवर्सल स्क्रीनिंग की गई। कल से देश में आने वाले सभी अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की यूनिवर्सल स्क्रीनिंग के निर्देश जारी किये गए हैं। हवाई अड्डों तथा बंदरगाहों के प्रमुख स्थानों पर संकेतक लगाए गए हैं। विमानों में भी घोषणाएं की जा रही हैं और यात्रियों द्वारा स्वघोषणा पत्र भरे जा रहे हैं। 4 मार्च तक 6,11,167 यात्रियों वाले 6241 विमानों की स्क्रीनिंग की गई है। सभी हवाई अड्डों पर विशेषज्ञ डॉक्टरों के दल भेजे गए हैं ताकि कारगर रूप से स्क्रीनिंग हो सके और संबद्ध अस्पतालों में अलग रखने की व्यवस्था की जा सके।
- बारह प्रमुख बंदरगाहों तथा 65 छोटे बंदरगाहों पर यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है ताकि चीन से आने वाले यात्रियों और जहाज कर्मियों को चिह्नित कियाजा सके और बीमारी के लक्षण पाए जाने पर उन्हें अलग रखा जा सके। 4 मार्च तक बंदरगाहों पर 16,076 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई है।
- केन्द्र सरकार ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम एवं बिहार और सीमा सशस्त्र बल (एसएसबी) तथा भूमि बंदरगाह प्राधिकरणों के सहयोग से सीमावर्ती देशों से सटी सीमाओं के सभी एकीकृत चेक पोस्ट पर भी लोगों की स्क्रीनिंग का काम शुरू कर दिया है। इस बीमारी के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने और पंचायती राज मंत्रालय के सहयोग से सावधानियां बरतने के लिए सीमावर्ती गांवों में ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया है। आठ केन्द्रीय दलों ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और बिहार के सीमावर्ती गांवों का दौरा किया, ताकि सीमा पर हो रहे कार्यकलापों की समीक्षा की जा सके, ग्राम सभाओं का आयोजन किया जा सके और इसके साथ ही समुदाय को जोखिम के बारे में आवश्यक जानकारियां दी जा सकें। कुल मिलाकर 3823 ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया है और सीमावर्ती चेक पोस्ट पर 11,20,529 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है।
- चीन के हुबेई प्रांत में कारोबार के निरंतर ठप रहने के मद्देनजर भारत सरकार ने हुबेई प्रांत के वुहान और पड़ोसी शहरों में रह रहे भारतीय विद्यार्थियों एवं अन्य प्रोफेशनलों को वहां से सुरक्षित स्वदेश वापस लाने का निर्णय लिया। नागरिक उड्डयन मंत्रालय, एयर इंडिया और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच आपसी समन्वय से 31 जनवरी और 01 फरवरी, 2020 को दिल्ली और वुहान के बीच एयर इंडिया की दो विशेष उड़ानों का संचालन किया गया, जिनके जरिए कुल मिलाकर 654 यात्रियों को भारत लाया गया, जिनमें भारत के 647 नागरिक (जिनमें भारतीय दूतावास के वे दो अधिकारी भी शामिल थे, जो निकासी कार्य में समन्वय के लिए वुहान में कार्यरत थे) और मालदीव के 7 नागरिक थे। वहां से लाए गए लोगों को मानेसर स्थित आर्मी क्वारंटाइन सेंटर और आईटीबीपी के छावला स्थित शिविर में रखा गया। 14 दिनों के बाद इन सभी लोगों का परीक्षण किया गया और बीमारी के लक्षण न पाए जाने पर 18 फरवरी, 2020 को इन केन्द्रों से छुट्टी दे दी गई।
- इसके अलावा, भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी, 2020 को वुहान से कुल 112 लोगों को सुरक्षित वापस निकाला, जिनमें भारत के 76 नागरिक और म्यांमार, बांग्लादेश, मालदीव, चीन, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका एवं मेडागास्कर के 36 नागरिक थे। वहां से लाए गए लोग 27 फरवरी की सुबह दिल्ली पहुंचे और उन्हें निर्धारित नियमों के अनुसार 14 दिनों तक क्वारंटाइन के लिए आईटीबीपी के शिविर में रखा गया है। मुझे यह सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि इन सभी में अब तक बीमारी के लक्षण नहीं पाए गए हैं और उनकी हालत सामान्य है। इस उड़ान के जरिए ऐसे व्यक्तिगत उपयोग वाले संरक्षणात्मक उपकरण, डिस्पोजेबल वस्तुएं एवं चिकित्सा उपकरण भी भेजे गए थे, जिन्हें भारत सरकार की ओर से चीन को सद्भाव के रूप में दिया गया।
- भारतीय दूतावास एवं वाणिज्य दूतावास चीन के अन्य हिस्सों में रह रहे भारतीय समुदाय के साथ भी नियमित रूप से संपर्क में हैं और उनके स्वास्थ्य पर निरंतर नजर रखी जा रही है।
- एयर इंडिया ने एक और निकासी सफलतापूर्वक तब की थी, जब 27 फरवरी की सुबह 124 लोगों को भारत लाया गया था। इनमें वे 5 विदेशी भी शामिल थे, जो जापान के योकोहामा तट पर कोविड-19 से संक्रमित मरीजों वाले जहाज ‘डायमंड प्रिंसेज’ पर सवार थे। उन्हें वर्तमान में क्वारंटाइन के लिए 14 दिनों तक मानेसर स्थित सैन्य केन्द्र में रखा गया है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इन सभी लोगों में भी अब तक बीमारी के लक्षण नहीं पाए गए हैं और उनकी हालत सामान्य है।
- देश भर में उन सभी लोगों पर नियमित रूप से करीबी नजर रखी जा रही है, जो कोविड-19 से व्यापक रूप से प्रभावित देशों से भारत आए हैं और इसक साथ ही इनसे जुड़े उन लोगों की भी निगरानी की जा रही है, जिन्हें बुखार, खांसी या सांस लेने में दिक्कत हो रही है। एकीकृत बीमारी निगरानी नेटवर्क के जरिए इस तरह के सभी लोगों का पता लगाया जाता है और 4 मार्च तक कुल मिलाकर 28,529 लोगों को समुदाय की निगरानी में लाया गया तथा उन पर करीबी नजर रखी गई। राज्य निगरानी अधिकारियों एवं जिला निगरानी अधिकारियों के साथ-साथ राज्य स्वास्थ्य सचिवों के नेतृत्व में त्वरित कार्रवाई दल भी प्रति दिन इस तरह के लोगों की निगरानी कर रहे हैं। इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए देश भर में स्थित तृतीय स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त संख्या में आइसोलेशन बेड उपलब्ध कराए गए हैं।
- मंत्रालय ने निगरानी एवं मरीजों से संपर्क में आए लोगों का पता लगाने; प्रवेश मार्गों पर निगरानी; लैब में नमूनों के संग्रह, पैकेजिंग एवं आवाजाही; चिकित्सीय प्रबंधन प्रोटोकॉल और स्वास्थ्य केंद्रों में संक्रमण की रोकथाम तथा नियंत्रण करने में राज्यों को आवश्यक सहयोग देने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। महत्वपूर्ण वस्तुओं जैसे कि व्यक्तिगत उपयोग वाले संरक्षणात्मक उपकरणों (पीपीई) एवं एन95 मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इन सभी वस्तुओं के निर्यात पर भी पाबंदियां लगा दी गईं। राज्यों के साथ-साथ केंद्र सरकार भी व्यक्तिगत उपयोग वाले संरक्षणात्मक उपकरणों (पीपीई) एवं एन95 मास्क का बफर स्टॉक रख रही है।
- पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान इसके लिए प्रमुख प्रयोगशाला है। संक्रामक रोग के फैलने/फिर से फैलने की समस्या से निपटने संबंधी आईसीएमआर की तैयारियों के तहत राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान ने कोविड-19 के आणविक निदान की विशिष्ट क्षमता हासिल कर ली है। 15 और प्रयोशालाओं में चिकित्सीय नमूनों का परीक्षण शुरू कर दिया गया है। इसी तरह नमूनों के परीक्षण के लिए 19 और प्रयोगशालाओं को तैयार किया जा रहा है, ताकि देशभर में इनकी मौजूदगी सुनिश्चित की जा सके। इस नेटवर्क का और भी अधिक विस्तार किया जा रहा है।
- जोखिम के बारे में लोगों को आवश्यक जानकारियां देने वाली सामग्री (कंटेंट) तैयार कर ली गई है और राज्यों के जरिए क्षेत्रीय भाषाओं में भी इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। रेडियो और टेलीविजन पर विशेषज्ञों की ओर से दी जा रही तकनीकी जानकारियों के जरिए भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रति दिन संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है और सोशल मीडिया के जरिए संबंधित सूचनाओं को साझा किया जा रहा है। इसी तरह एक नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे कार्यरत है जिससे जुड़े कॉल सेंटर का नम्बर 011-23978046 है। अब तक 9,200 से भी अधिक कॉल का जवाब दिया गया है, जिनमें 667 अंतर्राष्ट्रीय कॉल भी शामिल हैं।
- भारत सरकार वर्तमान परिदृश्य पर नवीनतम जानकारी प्राप्त करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) मुख्यालयों, क्षेत्रीय कार्यालय और भारत स्थित कार्यालय के साथ नियमित रूप से संपर्क में है।
- हमारा ध्यान बीमारी की रोकथाम की तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए प्रमुख क्षमताओं को जुटाने पर है। इनमें निगरानी, प्रयोगशाला निदान, अस्पताल तैयारी, लॉजिस्टिक प्रबंधन, स्वास्थ्य देखभाल स्टाफ का क्षमता निर्माण, समुदाय के लिए जोखिम संचार शामिल हैं। दुनिया भर में और विशेष रूप से भारत में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के अनुरूप हमारे प्रयासों का स्तर और सीमा बढ़ गई है।
- दुनिया में इस बीमारी के प्रसार में हो रही वृद्धि के कारण हम नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। पॉजीटिव मामलों के बारे में संपर्क का पता लगाने के लिए अनेक स्थानों पर सैकड़ों संपर्कों का पता लगाने की जरूरत पड़ती है इसके साथ ही उनके स्वास्थ्य की निगरानी भी जरूरी है। इसी प्रकार आगरा में बीमारी की पुष्टि हुए मामले द्वारा परिवार के सदस्यों में बीमारी का संक्रमण हुआ है जिससे आगरा में रोग के मामलों के समूह को नियंत्रित करने के लिए रोकथाम योजना बनाने की जरूरत है।
- चिंता का एक अन्य मुख्य कारण तेहरान, कुआम, ईरान, ईरान कोविड-19 के प्रकोप के केन्द्र में फंसे भारतीय तीर्थयात्री और छात्रों के बारे में है। भारत सरकार उनकी भलाई और जरूरत के अनुसार उन्हें वहां से निकालने के लिए ईरान के अधिकारियों का अनुपालन कर रही है।
- यात्रा संबंधित मामलों के प्रबंधन के अलावा स्थानीय हस्तांतरण के कारण समूहों को नियंत्रित करने की अतिरिक्त चुनौती है जिसके लिए अधिक संसाधन वाले गहन नियंत्रण कार्यों के परिचालनों की जरूरत है। हमने सभी राज्यों को नियंत्रण कार्य योजना उपलब्ध कराई है। सभी राज्यों हमने 6 मार्च, 2020 को कोविड-19 के प्रबंधन पर अन्य मंत्रालयों से सभी राज्यों और अस्पतालों के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की प्रशिक्षण कार्यशाला की भी योजना बनाई है। इस प्रयोगशाला को जिला स्तर पर आयोजित किया जाएगा। मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को राज्यों की तैयारियों की समीक्षा करने और रोग की रोकथाम के प्रयासों में आवश्यक मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में तैनात किया गया है।
- हमने नियंत्रण कार्यों के लिए फील्ड स्तर पर नोडल अधिकारी के रूप में जिला कलेक्टर को नामित किया है। राज्यों को प्रभावी सक्रियता और धैर्यपूर्ण निगरानी सुनिश्चित करने तथा रोग के मामलों वाले क्षेत्रों में अंतरविषयी टीमों के माध्यम से संपर्क का पता लगाना सुनिश्चित करने के लिए नियंत्रण जोन, बफर जोन की पहचान करने और बड़ी योजना की तैयारियों के बारे में मार्गदर्शन दिया गया है।
- मैं इस सदन को सूचित करना चाहता हूं कि सरकार भारत में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रही है।
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