केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि डीएआरपीजी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिख रहा है कि वे केन्द्र सरकार के सीपीजीआरएएमएस पोर्टल से अपने शिकायत प्रकोष्ठ को जोड़ें। इससे एकरूपता आएगी और शिकायतों के निपटारे में आसानी होगी।
उन्होंने कहा कि ये पहल पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक केन्द्रित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के समरूप है। उन्होंने राज्यों से अपील की कि वे प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप प्रयास करें।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में मंत्रालय के प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान उन्होंने विभाग की वर्तमान में चल रही और आगामी विभिन्न गतिविधियों के बारे में विचार विमर्श किया।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि विभाग में शिकायत का जवाब देने का औसत समय घट गया है। यानी राजस्व विभाग में यह 2014 में 108 दिन था, जो इस वर्ष कम होकर 25 दिन पर आ गया है। इसी प्रकार से दूरसंचार विभाग में यह 2014 में 19 दिन था, जो इस वर्ष घटकर 12 दिन हो गया है। उन्होंने कहा कि 2014 की तुलना में लोगों द्वारा शिकायतें दर्ज कराने की संख्या में सात गुना वृद्धि हुई है, जो 2 लाख से बढ़कर इस वर्ष करीब 14 लाख हो चुकी है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ है कि विभाग द्वारा शिकायतों पर तुरंत जवाब दिया जाता है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि विभाग द्वारा अब 99 प्रतिशत शिकायतों का निपटारा कर दिया जाता है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि विभाग ने प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत विभाग में शिकायत दर्ज कराने वाले शिकायतकर्ताओं में से अचानक चुने जाने के आधार पर फोन पर बातचीत की प्रक्रिया अपनाई है।
उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं पांच बार शिकायतकर्ताओं से बात की है। शिकायत प्रकोष्ठ के वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिनिधि शिकायतकर्ताओं से उनके संतोष के स्तर की जानकारी हासिल करते हैं। उन्होंने कहा कि शिकायत के निपटारे और सुधार करने के बीच अंतर है और डीएआरपीजी जन शिकायतों के निपटारे के बारे में सोशल मीडिया पर एक जागरूकता अभियान शुरू करेगा।
बैठक के दौरान जानकारी दी गई कि विभाग जल्द ही मंत्रालयों/विभागों के लिए एक डैशबोर्ड शुरू करेगा, जहां वे अपने मंत्रालयों/विभागों से जुड़ी शिकायतों के प्रमुख क्षेत्रों और उसके मुख्य कारणों का पता लगा सकेंगे।