रक्षा मंत्री ने आज मुंबई में स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस इंफाल को नौसेना में शामिल किया गया। इसको रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ के प्रतीक की संज्ञा दी
मुंबई, 26 दिसंबर। स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस इंफाल को आज नौसेना डॉकयार्ड, मुंबई में आयोजित एक आकर्षक समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल), मुंबई द्वारा निर्मित किया गया है।
इस अवसर पर बोलते हुए, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आईएनएस इम्फाल को रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ का एक चमकदार उदाहरण और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति भारतीय नौसेना, एमडीएल और अन्य सभी हितधारकों की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब बताया। “आईएनएस इंफाल भारत की बढ़ती समुद्री शक्ति का प्रतीक है और यह इसे और मजबूत करेगा। यह भारत-प्रशांत क्षेत्र में ‘जलमेव यस्य, बलमेव तस्य’ (जो समुद्र को नियंत्रित करता है, वह सर्वशक्तिमान है) के हमारे सिद्धांत को मजबूत करेगा।”
इस जहाज की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर है और यह 7,400 टन भार लाने ले जाने की क्षमता रखता है। आईएनएस इम्फाल, भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक है। यह चार शक्तिशाली गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित है, और इसकी गति 30 नॉट्स से भी अधिक है।
जहाज में लगभग 315 कर्मी हैं, और इसकी कमान गनरी और मिसाइल विशेषज्ञ कैप्टन केके चौधरी के पास है। यह जहाज राष्ट्र की समुद्री रक्षा और राष्ट्र के हितों की सुरक्षा में नौसेना की गतिशीलता, परविर्तनशीलता और पहुंच को बढ़ाएगा।
आईएनएस इंफाल, उत्तर-पूर्व के राज्य मणिपुर की राजधानी के नाम पर रखा गया है। भारतीय नौसेना के लिए उत्तर-पूर्व क्षेत्र और मणिपुर के महत्व को रेखांकित करता है। इस जहाज की आधार बिल्ली 19 मई, 2017 को रखी गई थी और जहाज का 20 अप्रैल, 2019 को जलावतरण किया गया था।
जहाज 28 अप्रैल, 2023 को अपनी पहली समुद्री सैर के लिए रवाना हुआ और 20 अक्टूबर 2023 को इसकी डिलीवरी के साथ, इसका बंदरगाह और समुद्र में व्यापक परीक्षण किया गया, जो छह महीने से कम की रिकॉर्ड समय सीमा को चिह्नित करता है। आईएनएस इम्फाल के निर्माण और परीक्षण में लगा समय किसी भी स्वदेशी विध्वंसक के लिए सबसे कम समय है। जहाज ने अपने कमीशन होने से पहले विस्तारित रेंज वाली ब्रह्मोस मिसाइल का पहला परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया।
इस जहाज की एक अनूठी विशेषता इसके लगभग 75 प्रतिशत के उच्च स्तर का स्वदेशीकरण है। स्वदेशी उपकरणों/प्रणालियों में कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, रॉकेट लॉन्चर, टॉरपीडो लॉन्चर, एकीकृत प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणाली, ऑटोमेटेड पावर मैनेजमेंट सिस्टम, फोल्डेबल हैंगर डोर्स, हेलो ट्रैवर्सिंग सिस्टम, क्लोज-इन हथियार प्रणाली और बो-माउंटेड सोनार शामिल हैं।
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