आजकल बच्चों का कहानी (Story) से जुड़ाव कम हो रहा है। इसे जीवंत रखने के लिये मध्यप्रदेश के स्कूलों में कहानी उत्सव (Story celebration) मनाया जा रहा है। इस अवसर पर बच्चों एवं शिक्षकों ने रोचक एवं शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाईं।
मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी (Prabhuram Chaudhary) प्रगत शैक्षिक शिक्षा महाविद्यालय में राज्य स्तरीय कहानी उत्सव का शुभारंभ करते हुए कहा कि कहानियाँ भारतीय संस्कृति एवं परम्परा का अभिन्न अंग रही हैं।
कहानी(Story) के माध्यम से घर के बुजुर्ग बच्चों को नैतिक शिक्षा एवं ज्ञान से परिचित कराते थे।
कहानी(Story) के माध्यम से बच्चों में पढ़ाई के प्रति रूचि बढ़ती है, किताब पढ़ने की आदत विकसित होती है। कहानी के माध्यम से मिला ज्ञान और शिक्षा जिन्दगी भर याद रहती है।
पंचतंत्र, कछुआ-खरगोश की कहानी, अकबर-बीरबल आदि रोचक कहानियों के माध्यम से मिली शिक्षा का जिक्र किया।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने बच्चों को एक कहानी(Story) सुनाकर जीवन में धनात्मक रवैया रखते हुए आगे बढ़ने की बात कही।
उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों में कहानी(Story) के प्रति लगाव कम हो रहा है। बच्चे अपना समय मोबाइल पर वीडियोगेम खेलने अथवा टी.वी. देखने में व्यर्थ गंवा रहे हैं।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि कहानी(Story) के माध्यम से बच्चे शिक्षकों के करीब आते हैं और अपनी जिज्ञासा को उनके सामने खुलकर रखते हैं।
उन्होंने शिक्षकों से कहा कि स्कूल में पारिवारिक वातावरण निर्मित करें ताकि बच्चों में पढ़ाई के प्रति रूचि और लालसा पैदा हो।
उप सचिव श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा ‘पढ़े भारत-बढ़े भारत’ योजना में कहानी की कला को शिक्षण प्रविधि का अभिन्न हिस्सा बनाने के लिये राज्य स्तरीय कहानी उत्सव प्रारंभ किया गया। इसमें कक्षा पाँचवी से 8वीं तक के विद्यार्थी तथा शिक्षक शामिल होते हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय कहानी(Story) आयोजन में प्रथम पाँच बच्चों एवं प्रथम तीन शिक्षकों को पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। समस्त सहभागियों को सहभागिता प्रमाण-पत्र दिया जायेगा।
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