सरकार ने जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों को धन और अन्य सभी प्रकार की सहायता करने वाले संगठनों और उनके नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई Strong Action शुरू की है।
इस काम के लिए सुरक्षा बलों को खुली छूट दी गई है।
केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन कर रही है।
एक प्रेस रिलीज में सरकार ने विस्तार से जानकारी दी है कि इस नीति के तहत जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई Strong Action की जारही है और इसके लिए सुरक्षा बलों को पूरी छूट दे दी गई है।
दूसरी ओर एनआईए और प्रवर्तन निदेशालय अलगाववादी संगठनों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए हर स्तर पर काम कर रहे हैं।
दो दिन पहले केन्द्र सरकार ने कश्मीर में जेकेएलएफ यासीन गुट को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, 1967 की धारा 3 (1) के प्रावधानों के तहत गैरकानूनी घोषित किया है।
File photo
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट Jammu & Kashmir Liberation Front के नेतृत्व में मोहम्मद यासीन मलिक ने घाटी में अलगाववादी विचारधारा की अगुवाई की और 1988 के बाद से अलगाववादी गतिविधियों और हिंसा के मोर्चे पर काम किया।
इसी जेकेएलएफ ने 1989 में कश्मीरी पंडितों की हत्याएं करने तथा कश्मीर से उन्हें पलायन करने के लिए विवश किया।
यासीन मलिक ही कश्मीरी पंडितों को कश्मीर घाटी से हटाने के पीछे का मास्टरमाइंड था और उनके नरसंहार के लिए जिम्मेदार है।
जेकेएलएफ Jammu & Kashmir Liberation Front पर कई गंभीर मामले दर्ज हैं। यह संगठन 4 भारतीय वायु सेना कर्मियों की हत्या करने और डॉ. रूबैया सईद के अपहरण (वी.पी.सिंह सरकार में गृह मंत्री रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी) के लिए जिम्मेदार है।
जेकेएलएफ (Jammu & Kashmir Liberation Front) के खिलाफ J & K पुलिस द्वारा 37 FIR दर्ज की गई हैं।
आईएएफ कर्मियों की हत्या के मामले सहित दो मामले सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए थे।
एनआईए ने एक मामला भी दर्ज किया है, जिसकी जांच चल रही है।
सरकार का कहना है कि इससे स्पष्ट है कि जेकेएलएफ सक्रिय रूप से आतंकवाद के लिए धन उपलब्ध कराने सहित अलगाववाद और आतंकवाद को समर्थन देने और उकसाने में लगा हुआ है।
यह संगठनए आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए धन की अवैध फण्डिंग के लिए भी जिम्मेदार है।
जेकेएलएफ सक्रिय रूप से धन जुटाने, हुर्रियत कैडरों और पत्थरबाजों को कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने के लिए और विध्वंसक गतिविधियों के लिए धन वितरण में सक्रिय रूप से शामिल है।
इससे पहले इसी साल 28 फरवरी को सरकार ने जमात-ए-इस्लामी Jamaat-e-Islami JeI (J & K) ) को उपरोक्त प्रावधान के तहत गैरकानूनी घोषित किया है।
पहले यह कहा गया था कि जमात-ए-इस्लामी JeI (J & K) जमात-ए-इस्लामी हिंद Jamaat-e-Islami Hind से अलग है।
जमात-ए-इस्लामी JeI (J & K) ने1953 में अपना संविधान बनाया।
जम्मू-कश्मीर में सक्रिय सबसे बड़े आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन (HM) के गठन के लिए JeI (J & K) जिम्मेदार है।
हिजबुल मुजाहदीन के आतंकवादियों की भर्ती करने, उन्हें धन उपलब्ध कराने, आश्रय देने तथा रसद आदि पहुंचाने और सभी प्रकार का सहयोग करने का काम करता रहा है।
सरकार उन सभी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई Strong Action कर रही है जो देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा हैं।
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