Supreme Court continues to strengthen India's vibrant democracy

सर्वोच्च न्यायालय ने भारत की वाइब्रेंट डेमोक्रेसी को निरंतर सशक्त किया

नई दिल्ली, 28 जनवरी। अभिव्यक्ति की आजादी हो, व्यक्तिगत स्वतंत्रता हो, सामाजिक न्याय-सोशल जस्टिस हो, सर्वोच्च न्यायालय ने भारत की वाइब्रेंट डेमोक्रेसी को निरंतर सशक्त किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात भारत के सर्वोच्च न्यायालय के डायमंड जुबली समारोह में कही और कहा कि सात दशकों से भी लंबी इस यात्रा में सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्तिगत अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कई महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं। इन फैसलों ने देश के सामाजिक राजनितिक परिवेश को एक नई दिशा दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा – भारत में आज बनाए जा रहे कानून, कल के उज्ज्वल भारत को और मजबूत करेंगे और कल उज्ज्वल भारत का आधार बनेंगी।

भारत के सर्वोच्च न्यायालय के डायमंड जुबली समारोह में आमंत्रित अतिथि

भारत के सर्वोच्च न्यायालय के डायमंड जुबली समारोह में आमंत्रित अतिथि

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत के सुप्रीम कोर्ट के भी 75वें वर्ष का शुभारंभ हुआ है। मैं सभी न्यायविदों को इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं देता हूं। भारत के संविधान निर्माताओं ने स्वतंत्रता, समानता और न्याय के सिद्धांतों वाले स्वतंत्र भारत का सपना देखा था। भारत के सुप्रीम कोर्ट ने इन सिद्धांतों के संरक्षण का निरंतर प्रयास किया है।

उन्होंने कहा ‘आज भारत की हर संस्था, हर संगठन, कार्यपालिका हो या विधायिका, अगले 25 वर्षों के लक्ष्यों को सामने रखकर काम कर रही है। इसी सोच के साथ आज देश में बड़े-बड़े Reforms भी हो रहे हैं। भारत की आज की आर्थिक नीतियां, कल के उज्ज्वल भारत का आधार बनेंगी। भारत में आज बनाए जा रहे कानून, कल के उज्ज्वल भारत को और मजबूत करेंगे। बदलती हुई वैश्विक परिस्थितियों में आज पूरी दुनिया की नजर भारत पर है, पूरी दुनिया का भरोसा भारत पर बढ़ रहा है। ऐसे में आज भारत के लिए जरूरी है कि हम हर अवसर का लाभ उठाएं, कोई भी अवसर जाने ना दें। आज भारत की प्राथमिकता है, Ease of Living, Ease of Doing Business, Ease of Travel, Ease of Communication, और साथ ही Ease of Justice. भारत के नागरिक Ease of Justice के हकदार हैं और सुप्रीम कोर्ट इसका प्रमुख माध्यम है।

मोदी ने कहा देश की पूरी न्याय व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों और मार्गदर्शन, आपके गाइडेंस पर निर्भर होती है। ये हमारा कर्तव्य है कि इस कोर्ट की Accessibility भारत के अंतिम छोर तक हो और इससे हर भारतीय की आवश्यकताएं पूरी हो सकें। इसी सोच के साथ कुछ समय पहले E-Court Mission Project के तीसरे चरण को स्वीकृति दी है। इसके लिए दूसरे फेज से 4 गुना ज्यादा राशि को मंजूरी दी गई है। ये तो आपका विषय है, ताली बजा सकते हैं। मनन मिश्रा ने ताली ना बजाई, वो तो मैं समझ सकता हूं, वो आपके लिए कठिन काम था। मुझे खुशी है कि देश भर की अदालतों के Digitization को चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ खुद मॉनीटर कर रहे हैं। Ease of Justice के प्रयासों के लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा हमारी सरकार, अदालतों में physical infrastructure को सुधारने के लिए भी प्रतिबद्ध है। 2014 के बाद से इसके लिए 7 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा राशि वितरित की जा चुकी है। मैं वर्तमान सुप्रीम कोर्ट बिल्डिंग में आप सभी को आ रही दिक्कतों से भी अवगत हूं। पिछले सप्ताह ही सरकार ने Supreme Court building complex के विस्तार के लिए 800 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की है। बस अब आप लोगों के पास कोई संसद भवन की तरह पिटिशन लेकर ना आ जाए कि फिजूलखर्ची हो रही है।

उन्होंने कहा आज आपने मुझे सुप्रीम कोर्ट के कुछ Digital Initiatives का शुभारंभ करने का भी मौका दिया है। Digital Supreme Court Reports की मदद से सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अब Digital Format में भी मिल सकेंगे। मुझे ये देखकर अच्छा लगा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को स्थानीय भाषाओं में Translate कराने की व्यवस्था भी शुरू कर दी गई है। मुझे उम्मीद है कि देश की अन्य अदालतों में भी जल्द ऐसी व्यवस्था हो सकेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा आज टेक्नोल़ॉजी कैसे Ease of Justice में मददगार साबित हो सकती है, इसका ये कार्यक्रम अपने आप में एक उदाहरण है। मेरा ये संबोधन, अभी AI की मदद से इसी वक्त इंग्लिश में ट्रांसलेट हो रहा है और आप में से कुछ लोग भाषिणी एप के माध्यम से उसे सुन भी रहे है। कुछ शुरुआती दिक्कतें हो सकती हैं, लेकिन टेक्नोलॉजी कितना बड़ा कमाल कर सकती है, ये इससे पता चलता है। हमारी अदालतों में भी इसी तरह की टेक्नोलॉजी का उपयोग करके, सामान्य नागरिकों का जीवन आसान बनाया जा सकता है। आपको याद होगा, मैंने कुछ समय पहले कानूनों को सरल भाषा में लिखे जाने की बात कही थी। मैं समझता हूं कि अदालत के निर्णयों का आसान भाषा में लिखे जाने से आम लोगों को और मदद मिलेगी।