Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने की कछुआ तस्कर तपस बसक उर्फ रॉनी की जमानत याचिका खारिज

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme court) ने अंतर्राष्ट्रीय वन्य प्राणी तस्कर तपस बसक उर्फ रॉनी (Tapas Basak alias Rony) की जमानत याचिका खारिज कर दी है।

मध्यप्रदेश राज्य-स्तरीय टाईगर स्ट्राइक फोर्स (Tiger Strike Force ) ने मार्च 2019 में कछुओं की तस्करी ( turtle smuggling) के मामले में तपस बसक उर्फ रॉनी (Tapas Basak alias Rony) को गिरफ्तार कर सागर के विशेष न्यायालय में पेश किया था।

भोपाल में बुधवार, 4 दिसंबर,2019 को जारी सरकारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि कछुओं की तस्करी ( turtle smuggling)  आरोपी तपस बसक उर्फ रॉनी (Tapas Basak alias Rony)  तब से  सागर जेल में बंद है।

कछुओं का अंतर्राष्ट्रीय तस्कर (International turtle smuggler) तपस बसक उर्फ रॉनी (Tapas Basak alias Rony)  कोलकाता (Kolkata)  का रहने वाला है और इसका अवैध व्यापार सिंगापुर, थाईलेण्ड, मलेशिया, मकाऊ, हांगकांग, चीन, मेडागास्कर आदि देशों में फैला हुआ है।

कछुओं की तस्करी (turtle smuggling) मामले में थाईलेण्ड, हांगकांग और मलेशिया के आरोपियों को गिरफ्तार करना बाकी है। मध्यप्रदेश प्रदेश का वन विभाग इसके लिये इंटरपॉल से मदद लेने के प्रयास कर रहा है।

कछुए का अंतर्राष्ट्रीय तस्कर (International turtle smuggler) रॉनी और उसके साथियों द्वारा जिन रेड क्राउंस रूफ टरटल्स की तस्करी की जा रही थी, वे विश्व में केवल  चंबल वाइल्ड लाइफ सेन्क्चुरी में ही बचे हैं। पूरे विश्व में प्राकृतिक आवास में इन कछुओं की अनुमानित संख्या 500 है।

आरोप है कि कछुआ तस्कर  ( turtle smuggler) तपस बसक उर्फ रॉनी ने उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल आदि राज्यों से भी दुर्लभ प्रजाति के कछुओं को विदेश में बेचा है।

सर्वोच्च न्यायालय ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जबलपुर उच्च न्यायालय को प्रकरण की ट्रायल 6 माह के अंदर पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

इसके पहले भी राज्य एसटीएफ (वन्य प्राणी) द्वारा मोस्ट वान्टेड अंतर्राष्ट्रीय कछुआ तस्कर (International turtle smuggler)  मुरुगेसन मनीवन्नम को गिरफ्तार किया गया था। इस प्रकरण में भी सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जमानत याचिका को खारिज करते हुए प्रकरण के ट्रायल को 6 माह के भीतर पूरा करने के निर्देश दिये गये थे।

आरोपी तपस उर्फ रॉनी को मध्यप्रदेश एसटीएफ (वन्य प्राणी) द्वारा अगस्त 2018 में कोलकाता से गिरफ्तार किया गया था लेकिन स्थानीय न्यायालय द्वारा उसे सशर्त जमानत दे दी गयी थी।

आरोपी जमानत की शर्तो को नकारते हुए नियत तिथि पर पेशी पर नहीं आया था। आरोपी के विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट किया जाकर तलाश जारी रही। मार्च 2019 में एसटीएफ ने इसे पुन: गिरफ्तार कर सागर न्यायालय में प्रस्तुत किया।

इस प्रकरण में अब तक 4 राज्यों के 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर दुर्लभ प्रजाति के कछुए की तस्करी (turtle smuggling)  में उपयोग की गयी मर्सडीज कार को जब्त कर लिया गया है।