नई दिल्ली, 05 मार्च। सुप्रीम कोर्ट ने आज कांग्रेस नेता और अब कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ 2018 के मनी लॉन्ड्रिंग मामले को खारिज कर दिया।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में डीके शिवकुमार को सितंबर 2019 में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के अधिकारियों ने गिरफ्तार भी किया था। हालांकि, बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी।
जमानत मिलाने के बाद शिवकुमार ने बीजेपी पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया था और कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।
उस वक्त ईडी ने शिवकुमार से सम्बंधित के यहाँ छापेमारी भी की थी जिसमें करीब 300 करोड़ रुपये की नकदी मिलाने का दवा किया गया । जिसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं के तहत जांच शुरू की। हालांकि, शिवकुमार ने पलटवार करते हुए कहा कि नकदी बीजेपी की है।
शिवकुमार ने ईडी द्वारा जारी समन को रद्द करने की मांग करते हुए 2019 में कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। वहां भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत दी है।
सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों ने लिखा “डीके शिवकुमार जी पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झूठा आरोप लगाया गया था, यह उन पर भाजपा में शामिल होने के लिए दबाव डालने की रणनीति थी। हालाँकि, उन्होंने अपनी कांग्रेस विचारधारा पर कायम रहते हुए भाजपा कार्यालय के बजाय तिहाड़ जेल जाने का विकल्प चुना।आज, उनका रुख सही साबित हुआ है! सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच रद्द कर दी है। “
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