नई दिल्ली, 10 नवंबर | 500 और 1,000 रुपये के नोटों को मंगलवार मध्यरात्रि से अवैध घोषित करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई होगी। यह सुनवाई 15 नवंबर को हो सकती है। केंद्र सरकार के इस फैसले को उत्तर प्रदेश के एक वकील ने चुनौती दी है। 500 और 1,000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका अधिवक्ता संगम लाल पांडे ने दायर की है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार के इस फैसले से आम लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे, न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरिमन और न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर की सदस्यता वाली पीठ को बताया कि लाखों लोग नोटों को बदल न पाने के कारण निजी अस्पताल में इलाज नहीं करा पा रहे हैं या दवाइयां नहीं खरीद पा रहे।
पीठ ने हालांकि स्पष्ट किया है कि 15 नवंबर को याचिका पर सुनवाई अदालत की रजिस्ट्री द्वारा सूचीबद्ध की गई याचिकाओं की संख्या पर निर्भर करेगी।
सरकारी अधिवक्ता आर. बाला सुब्रमण्यम ने पीठ को बताया कि उन्हें भी याचिका की एक प्रति दी जाए, क्योंकि केंद्र ने इस मामले में केविएट दायर किया है। –आईएएनएस
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