नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (जनसमा)। सुप्रीम कोर्ट ने अंग्रेजी और तेलुगू लेखक कंच इलैया द्वारा तेलुगू भाषा में लिखी गई विवादास्पद पुस्तक ‘समाजिका स्मग्लुरुलु कोमातुल्लू’ पर प्रतिबंध लगाने से इनकार करते हुए कहा कि प्रत्येक लेखक को आज़ादी से अपने विचारों को अभिव्यक्त करने का मौलिक अधिकार है।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और डी वाई चंद्रचुद की पीठ ने एक वकील द्वारा एक जनहित याचिका दायर कर सरकार से पुस्तक पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, किसी पुस्तक पर प्रतिबंध लगाने के लिए किसी भी अनुरोध को सख्ती से जांच करनी होगी और किसी व्यक्ति या लेखक की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार में कटौती को हल्के ढंग से नहीं देखा जाना चाहिए।
याचिका में दलील देते हुए कहा गया था कि लेखक ने अपनी पुस्तक में कुछ जातियों के खिलाफ निराधार आरोप लगाये हैं तथा जाति आधार पर समाज को विभाजित करने की कोशिश की गई है।
याचिका में कहा गया था कि आंध्र प्रदेश में लेखक के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। पुस्तक द्वारा कुछ जातियों के लोगों की भावनाओं को आहत करने के कारण अदालत से किताब पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया।
Follow @JansamacharNews