लखनऊ, 29 मार्च । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने बुधवार को सूर्य नमस्कार को नमाज का मिलता जुलता स्वरूप बताते हुए कहा कि कुछ लोगों के समाज को तोड़ने वाली क्रिया के कारण इसका प्रचार नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार में जितने आसन और मुद्राएं आती हैं वह मुस्लिम बंधुओं के नमाज पढ़ने की क्रिया से मिलती-जुलती है। लेकिन इस बात का किसी ने प्रचार नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने राजधानी के गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित तीन दिवसीय योग महोत्सव में बुधवार को विपक्षी पार्टियों पर तंज कसते हुए कहा, “कुछ लोगों को योग में नहीं भोग में विश्वास है। ये वही लोग हैं, जिन्होंने समाज को तोड़ा है और जाति धर्म के आधार पर बांटा है। योग कई बीमारियों में लाभप्रद है। योग करने वाला व्यक्ति शुरू से अंत तक पूरी तरह स्वस्थ रहता है। उप्र सरकार योग को जन-जन तक पहुंचाने का काम करेगी।” मुख्यमंत्री ने कहा कि जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से बढ़कर है।
मुख्यमंत्री आदित्यानाथ योगी 29 मार्च, 2017 को इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमती नगर, लखनऊ में ‘उत्तर प्रदेश योग महोत्सव 2017’ का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ करते हुए
आदित्यानाथ योगी ने साथ ही एक बड़ा बयान भी दिया। उन्होंने कहा, “लोग साधु-संतों को भीख तक नहीं देते, लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे मुख्यमंत्री बना दिया। हम बड़े फैसले लेने में हिचकेंगे नहीं। पूरा उप्र घूमा हूं और इसके सभी बीमारियों का इलाज करूंगा।”
योगी ने साथ ही कहा, “जब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मुझे मुख्यमंत्री बनने की बात बताई तो मेरे पास एक जोड़ी ही कपड़े थे।”
योग को देश में अभी तक ज्यादा बढ़ावा नहीं मिलने का कारण पूर्ववर्ती सरकार की नीतियों को बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव 2014 के पहले आता तो क्या होता? उस समय भी इसे सांप्रदायिक माना जाता। हम सबको यह तय करना होगा कि वास्तव में सांप्रदायिक कौन है। प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी दुनिया में योग फैलाया। उसे बढ़ावा दिया। उन्हीं के प्रयास के कारण दुनिया के 192 देश अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का हिस्सा हैं।”
गौरतलब है कि तीन दिवसीय इस राज्य स्तरीय समारोह में योगविद शोधपत्र पेश करेंगे। योग, ध्यान, प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद पर व्याख्यान होगा। योग प्रश्नोत्तरी और पोस्टर प्रतियोगिता भी होगी। इसमें तनाव, कुंठा, अवसाद, अनिद्रा, माइग्रेन, रक्तचाप, मधुमेह, अर्थराइटिस, सोराइसिस, कोलाइटिस, हृदय रोग, कैंसर जैसी बीमारियों के उपचार पर सत्र होंगे। 30 मार्च को आर्ट ऑफ लिविंग की वर्कशॉप सुबह छह बजे से होगी।(आईएएनएस/आईपीएन)
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