अमिताभ बच्चन ने कहा फिल्में भाषा की सीमाओं से बाहर होती हैं
फिल्में भाषा की सीमाओं से बाहर होती हैं। ‘जब हम अंधेरा हॉल में बैठते हैं, तब अपने पड़ोस में बैठे व्यक्ति से कभी भी जाति, नस्ल, रंग नहीं पूछते। हम एक समान फिल्म का आनंद लेते हैं एक तरह के व्यंग्य पर हंसते हैं और समान भावनाओं पर रोते-चिल्लाते हैं।’ सिनेमा…