जन अपेक्षाओं के अनुरूप आचरण में ही संसदीय लोकतन्त्र की मर्यादा है
‘‘जनता यह अपेक्षा करती है कि संसद में उनकी कठिनाइयों के समाधान तथा देश के विकास पर चर्चा हो। उनकी आशाओं पर खरा उतरना ही हमारी संसदीय व्यवस्था की सफलता की कसौटी है। जनमानस की अपेक्षाओं के अनुरूप आचरण करने में ही संसदीय लोकतन्त्र की मर्यादा है।’’ यह विचार राष्ट्रपति…