रीतिकालीन कृष्ण भक्ति काव्य परंपरा के कवि गोपाल भट्ट ‘गोप’
— बृजेन्द्र रेही —- ब्रज भाषा साहित्य के मूर्धन्य कवि गोप का जन्म सन् 1837 के आसपास गोकुल में हुआ था। उनका देहांत 97 साल की आयु में सन् 1934 में कोटा में हुआ। उनका पूरा नाम रेही गोपाल भट्ट (Gopal Bhatt) था और वे अपने समय में कवि गोप…