बड़े शौक से सुन रहा था जमाना, तुम ही सो गए दास्तां कहते-कहते..
मुझे याद है कि जब मैंने इंदौर मे पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की थी, उस समय प्रदेश मे कोई भी बड़ा औद्योगिक घराना आना नहीं चाहता था। कई लोगों ने इस आयोजन को लेकर मजाक भी बनाया। उस कठिन समय में रमेशजी ने न सिर्फ मेरा हौसला बढ़ाया…