भोपाल गैस हादसा : जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में गर्भ भी गिर गए
संदीप पौराणिक===भोपाल, 28 नवंबर| मेमुन निशां (70) की आंखों में भोपाल गैस हादसे की दहशत को 32 वर्ष बाद अब भी आसानी से पढ़ा जा सकता है। वह उस रात को याद करके सहम जाती हैं, क्योंकि वह तब गर्भवती थी और जान बचाने की कोशिश में अजन्मे बच्चे को…