सुरेश वाडेकर : पिता के सपनों को लगाया पंख
शिखा त्रिपाठी=== नई दिल्ली, 6 अगस्त | ‘मेघा रे मेघा रे’, ‘मैं हूं प्रेम रोगी’, ‘पतझर सावन वसंत बहार’ जैसे गीतों से पाश्र्वगायन में अपनी अलग पहचान बनाने वाले सुरेश वाडेकर ने अपने पिता का सपना पूरा कर अपने नाम को सार्थक किया है। वह राष्ट्रीय पुरस्कार और लता मंगेशकर…