वंचित बच्चों की जिंदगी का सहारा ‘ब्रेड’
शिखा त्रिपाठी=== अमन चार साल पहले अपने मदारी पिता के साथ दिन भर घूम-घूम कर करतब दिखाता था, और परिवार के लिए रोटी जुटाता था। अमन के लिए स्कूल और पढ़ाई पेट की भूख थी, जिसके लिए पूरा दिन उसे खपाना पड़ता था। लेकिन आज अमन (बदला हुआ नाम) गिनतियां…