श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में कथक नृत्यांगना सुश्री प्रेरणा श्रीमाली का भावपूर्ण नृत्य
प्रेरणा श्रीमाली ने अत्रि मुनि की रचना राम स्तुति से कार्यक्रम की शुरुआत की। साथ ही श्री शंकराचार्य द्वारा रचित शिवस्तुति के आलावा मीरा की राजस्थानी काव्य रचना ‘थाने कांई कांई कह समझांवां ‘ और कबीर के पद ‘रामबिन तन की ताप न जाई’ पदों पर भी नृत्य किया। उन्होंने भगवन राम की महिमा पर केंद्रित पारम्परिक कवित्त भी प्रस्तुत किया।